दबंगई के प्रदर्शन के लिए अर्जुन उर्फ दीपक का सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
- कार्यवाही नहीं होने पर हंसपुर नौबस्ता क्षेत्र में संगीन बारदात का भी कारण बन सकती अन्य के नाम वाले असलहों के साथ अर्जुन उर्फ दीपक की दबंगई
सुनील बाजपेई
कानपुर। नौबस्ता थाना क्षेत्र का हंसपुर गांव आजकल दबंग गुंडों के निशाने पर है। सोशल मीडिया पर इन दबंगों का यह आतंक खुलेआम असलहों और वीडियो धमकियों के रूप में खूब वायरल भी हो रहा है। डीसीपी से की गई शिकायत के बाद पुलिस ने घटना की जांच की शुरू कर दी है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक विरोध करने पर हत्या कर देने की हद तक बरकरार आतंक के फलस्वरुप हंसपुर के अधिकांश पीड़ित इन दबंगों के खिलाफ खुलकर शिकायत करने का साहस भी नहीं करते, फिर भी कुछ गांव वालों ने हिम्मत करके घटना की शिकायत डीसीपी दक्षिण से करते हुए एफ आर दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
हंसपुर में रहने वाले सुधीर कुमार सिंह , जंग बहादुर सिंह ,श्रीकृष्ण सिंह तोमर, सतीश सिंह ,जयंत सिंह, संजीव सिंह और नेकपाल सिंह आदि पीड़ितों के साथ डीसीपी दक्षिण से शिकायत करने पहुंचे केंद्र और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप देश और समाज के हित में शिक्षा के क्षेत्र में हर दृष्टिकोण से अग्रणी बताए जाने वाले हंसपुर स्थित विद्यालय के संचालक लवकुश सिंह ने एफ आई आर दर्ज कर कार्रवाही करने की मांग करते हुए बताया कि अर्जुन सिंह उर्फ दीपक सिंह पुत्र नेकपाल सिंह निवासी मकान नं० 82 हंसपुर नौबस्ता ने अपनी दबंगई के प्रदर्शन का अड्डा आजकल क्षेत्र की पाल आटा चक्की को बना रखा है। जहां से दबंग अर्जुन सिंह उर्फ दीपक सिंह दबंगई और गुंडई के जरिए अपने स्वार्थ पूर्ति के इरादे को पूरा करने के लिए काल्पनिक नामों से गाली गलौज करने के साथ ही तरह-तरह के हथकंडों से संभ्रांत लोगों को भयभीत भी करता है। इसके लिए वह सोशल मीडिया व्हाट्सएप और फेसबुक आदि का भी सहारा लेता है।
घटना की शिकायत डीसीपी दक्षिण से करने पहुंचे सर्वोत्तम शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी विद्यालयों में से एक के संचालक लवकुश सिंह और अन्य सभी पीड़ितों ने सूत्रों को बताया कि इस दबंगई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल में ही दबंग अर्जुन सिंह उर्फ दीपक सिंह असलहे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल फोटो वीडियो भी लोगों को काल्पनिक नामों से धमकी दे रहा है। यद्यपि समाचार पत्र आतंक पूर्ण चर्चा का विषय बने इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता।
पीड़ितों और आरोपी के नजदीकी सूत्रों के भी मुताबिक अर्जुन उर्फ दीपक सिंह लोगों को भयभीत करने के लिए जिन असलहों राइफल और रिवाल्वर आदि का प्रयोग सोशल मीडिया पर करता है ,उनका लाइसेंस धारक अर्जुन उर्फ दीपक सिंह है ही नही। वह इसके लिए किसी अन्य के नाम वाले लाइसेंसी असलहों का प्रयोग करता है। इन दोनों शस्त्रों रिवाल्वर और राइफल का लाइसेंस धारक कौन है? उसने अपने नाम वाले रिवाल्वर और राईफल को अर्जुन उर्फ दीपक सिंह को क्यों और किस इरादे से दिया है? क्या इसके पीछे उसकी कोई खास मंशा है?
सूत्रों का दावा है कि अगर प्रदर्शित राइफल और रिवाल्वर दीपक सिंह के नाम से नहीं है तो इसका मतलब क्या दोनों हथियार अवैध है ? फिलहाल इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल पाये है। जिसके लिए पुलिस की जांच और कार्रवाही का इंतजार है। अलबत्ता पीड़ितों और सूत्रों की माने तो अर्जुन उर्फ दीपक सिंह की यह दबंगई क्षेत्र में किसी न किसी संगीन वारदात का भी कारण बन सकती है और अब सवाल यही कि डीसीपी साउथ से की गई लिखित शिकायत के आधार पर कथित दबंग अर्जुन उर्फ दीपक सिंह पर कानून का शिकंजा क्या वास्तव में कसा जाएगा या फिर मामला ठंडे बस्ते में जाएगा। यह आने वाला वक्त ही बताएगा।