उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2.0 का 6 लाख 15 हज़ार करोड़ रुपए का जो अपना पहला ऐतिहासिक बजट पेश किया है। वह सराहनीय तो है, लेकिन व्यापारिक संगठन को सरकार से बजट में जिस रियायत की उम्मीद थी वह उसके अनुरूप उन्हें नहीं मिल सकी l व्यापारियों की मांग थी कि, जीएसटी और इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जाना चाहिए l लेकिन योगी सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया और स्लैब सीमा वहीं बनी हुई है l व्यापारियों को कोरोना काल में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, जिससे निकलने के लिए सरकार को व्यापारी वर्ग पर खास ध्यान देने की जरूरत है l इस बजट में महिलाओं, युवाओं और किसानों पर सरकार ने अपना मेन फोकस किया जो जनकल्याण के लिए जरूरी था l लेकिन पर्यावरण को लेकर सरकार की बेरुखी इस बजट में साफ दिखाई दी l बजट में योगी सरकार ने हर सेक्टर का खास ध्यान रखा हालांकि, व्यापारियों को इस बजट से जितनी उम्मीद थी वह पूरी नहीं हो पाई l वहीं हैरानी की बात यह रही कि, जो पर्यावरण मौजूदा समय में सभी की जरूरत है उसको सरकार ने अपने बजट से दरकिनार कर दिया l यह हम सभी जानते हैं कि, कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान हमारा पर्यावरण जिस पॉल्यूशन से बचा और कुदरत ने अपना एक नया रूप हम सब को दिखाया वो हम सबके लिए प्रकृति की एक सौगात थी, बावजूद इसके इस बजट में पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें जो सरकार से उम्मीद थी वह कहीं धरातल पर दिखाई नहीं दी l
*राजीव गोयल*, जिला सलाहकार उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल, नोएडा
अध्यक्ष ग्रीन क्लीन एंड सिक्योर नोएडा ट्रस्ट