ड्रमंडगंज के दशहरा मैदान में शनिवार की शाम राम-रावण के बीच हुआ घमासान युद्ध


दैनिक समाज जागरण संवाददाता

राम रावण के बीच घमासान युद्ध मे आखिर रावण हार ही गया और राम की जीत हूई। अंत मे रावण के पुतले को दहन कर समाज मे बुराई पर अच्छाई जी जीत का संदेश दिया गया। भले लोगों के मन के भीतर की रावण हारने बजाय जीत गया हो लेकिन लोगों ने फिर भी रावण के हारने पर खुशी मनाया। हालांकि सनातन परंपरा मे जीत हार से भले ही किसी को खुशी किसी को गम मिलता हो लेकिन किसी के मृत्यु पर सिर्फ शोक मनाने की ही परंपरा है।


ड्रमंडगंज(मीरजापुर)। स्थानीय बाजार में 28सितम्बर से चल रहे रामलीला के पन्द्रहवें दिन विजयदशमी मेला में विगत वर्षों से इस वर्ष अधिक हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। मीरजापुर नगरपालिका अध्यक्ष श्यामसुंदर केसरी भी इस वर्ष ड्रमंडगंज बाजार के प्रसिद्ध विजयदशमी मेला में यहां के ऐतिहासिक दससिर वाले लोहे के रावण को देखने के लिए पधारे और राम-रावण युद्ध के साक्षी बने।
ज्ञात हो कि ड्रमंडगंज बाजार के प्रसिद्ध लोहे के रावण को देखने के लिए पड़ोसी जनपद व मध्यप्रदेश से भी प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लोग आते हैं। इस वर्ष ड्रमंडगंज बाजार में हजारों की संख्या में लोग मेले में आये। दर्शकों को नियंत्रित करने के लिए ड्रमंडगंज थाना प्रभारी अरविन्द कुमार सरोज के नेतृत्व में कई पुख्ता इंतजाम किया गया , भीड़ को देखते हुए जगह पुलिस तैनात की गई ।

राम-रावण का रथ ज्यों ही दशहरा मैदान में पहुंचा , दशहरा मैदान दर्शकों से खचाखच भर गया। राम -रावण के घमासान युद्ध बहुत देर तक चला और अंत में विभीषण ने श्रीराम से कहा प्रभु रावण की नाभि में अमृत है। राम ने रावण की नाभि में बाण मारकर रावण बध कर दिया। लोहे के रावण का सिर कटते ही श्रीराम की जय हो के उद्घोष से दशहरा मैदान गूंज उठा।

उक्त अवसर पर श्रीरामलीला कमेटी के पूर्व अध्यक्ष लवकुश केशरी, ओमकार केशरी, अनिल केशरी, कृष्ण गोपाल केशरी, पत्रकार ज्ञान दास गुप्त, राजेन्द्र सेठ, सहित श्रीरामलीला कमेटी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। मेला सकुशल संपन्न होने के बाद श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष अंजनी कुमार सोनी ने सभी का आभार व्यक्त किया।