21 वर्षों से भगौड़ा घोषित अन्तरजिला कुख्यात मोस्टवांटेड अपराधी मणियां पासवान गिरफ्तार


डीआईजी शिवदीप लांडे द्वारा जारी टॉप टेन अपराधी की सूची में शामिल था मोस्टवांटेड मणि पासवान

मधेपुरा – सहरसा – खगड़िया के विभिन्न थाने में दर्ज है दो दर्जन से अधिक अपराधिक मामला

मधेपुरा/डा.रूद्र किंकर वर्मा।

कोशी रेंज के डीआईजी शिवदीप वामनराव लांडे द्वारा जारी टॉप टेन अपराधियों की सूची में शामिल खाड़ा वार्ड 13 सुखासनी गांव का रहने वाला मनियां उर्फ मणि उर्फ मणिकांत पासवान को उदाकिशुनगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मणि पासवान मधेपुरा – सहरसा – खगड़िया सीमावर्ती इलाके का स्थाई तौर पर भोगौड़ा घोषित अन्तरजिला, कुख्यात, मोस्टवांटेड, दुर्दांत अपराधी कहा जाता है। गिरफ्तार अपराधी की तालाश पांच थाने की पुलिस पिछले 21 वर्षों से कर रही थी। वह गिरोह का मुख्य सरगना कहा जाता था। गिरफ्तार अपराधी अपने गिरोह में कम उम्र के युवाओं को शामिल कर वारदात को अंजाम देता था। इसका मानना था कि अपराध करने के इच्छुक कम उम्र के युवा गिरोह के सरगना के प्रति बहुत ही इमानदार होते हैं। कई बार पुलिस से इसका एनकाउंटर भी हुआ था। हर बार वो चकमा देकर फरार होने में सफल हो जाता था। जानकारी हो कि हर साल किसान के खेतों में लहलहाती मक्का फसल के समय अपराधी मणि पासवान सीमावर्ती इलाके में अपना स्थाई आशियाना बना लेता था। जैसे ही फसल की कटनी खत्म हो जाती थी, वह आसपास के जिले में किराये के मकान में नाम बदलकर रहने लगता था। इस बार उदाकिशुनगंज पुलिस, अपनी तकनीकी सेल की मदद से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यह पुलिस की बड़ी कामयाबी कही जा रही है। बताया जा रहा है कि पड़ोसी जिला मुख्यालय सुपौल नगर परिषद वार्ड नं. 27 के झकराही मुहल्ला से अपराधी मणि पासवान की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस की दबिश के कारण वह सुपौल में शरण लेकर किराये के मकान में नाम बदलकर सपरिवार रहता था। हाल के ही दिनों में वह किराये का मकान भी बदला था। जिसकी भनक पुलिस को लग गई थी।

वर्ष 2002 में मुस्लिम लड़की को जबरन भगाकर किया था शादी, पकड़ाने के बाद हुई थी जमकर पिटाई, तब से अपराध की दुनिया में रखा था कदम, तंग आकर लड़की का सपरिवार छोड़ दिया गांव

वर्ष 1999 में मणि पासवान के पिता महेंद्र पासवान की हत्या कर दी गई थी। उस समय इसकी उम्र महज 15 साल थी। पिता की हत्या के बाद वर्ष 2002 में पड़ोस में बसे एक मुस्लिम परिवार के लड़की को इन्होंने जबरन भगाकर शादी कर ली। खोजबीन में पकड़े जाने के बाद सोनवर्षा राज थाने में जमकर इसकी पिटाई कर दी गई। उसके बाद इन्होंने सर्वप्रथम अपराध के दुनिया में कदम रखा। मुस्लिम परिवार के कई सहयोगियों से पिटाई का बदला भी लिया। तंग आकर पीड़ित परिवार ने गांव छोड़ दिया, और अन्यत्र दूर जाकर बस गया। इसके बाद इसने स्वयं स्वजातीय विवाह किया।

*पाही (बाहरी) जमींदार का दर्जनों एकड़ जमीन पर जमाया हुआ है अवैध कब्जा*

जानकारी अनुसार इन्होंने कई दशकों से गांव में पाही (बाहरी) जमींदार का दर्जनों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा जमाये हुए था। तब से बिचौलिए के माध्यम फसल उपज का बड़ा हिस्सा वसूल करता आ रहा है। ये जमींदार भय से कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। कई जमींदार को गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

*सरकारी योजनाओं के ठेकेदार से वसूल करता था रंगदारी*

गांव व आसपास संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं के ठेकेदार व व्यवसायियों से जबरन रंगदारी वसूल करने के कारण इसके मनबढ़ू होने का चर्चा लोगों के बीच आम है। जानकारी अनुसार वर्ष 2010 में गांव में ढ़लाई सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार से रंगदारी वसूल करने के मामले में सहयोगियों से मिलीभगत कर अपने ही सगे भाई सुदर्शन पासवान को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। अनुसंधान के दौरान उक्त बातों का पुलिस ने केस डायरी में विस्तृत उल्लेख किया है। दुसरी ओर वर्चस्व की लड़ाई में अपने ही चचेरे भाई रंजीत पासवान की हत्या सहयोगियों की मदद से इसने कर दी है। इसमें में पत्नी पुनम देवी समेत 11 लोगों के खिलाफ काशनगर ओपी में मामला दर्ज किया गया है।

*मधेपुरा – सहरसा – खगड़िया सीमावर्ती इलाका अपराधियों का कहा जाता है सेफजोन*

अपराधी मणि पासवान द्वारा लगातार वारदात को अंजाम देने के कारण मधेपुरा – सहरसा – खगड़िया सीमावर्ती इलाका अपराधियों का सेफजोन कहा जाने लगा। ऐसे में वारदात के बाद अपराधी पड़ोसी जिले में आसानी से घुस जाता है। नतीजतन पुलिस को त्वरित कार्रवाई में समय लग जाता है। तब तक अपराधी पहचान छिपाने में कामयाब हो जाता है।

*गिरफ्तार अपराधी के बताये निशानदेही पर छापेमारी करते हुए आग्नेयास्त्र, जिंदा कारतूस व अंग्रेजी शराब की बोतल किया बरामद*

गिरफ्तारी के बाद पुछताछ के दौरान अपराधी मणि पासवान द्वारा बताये गये निशानदेही पर सुखासनी स्थित आवासीय घर से एक देशी मास्केट, पांच जिंदा कारतूस एवं एक अंग्रेजी शराब की बोतल की बरामदगी की गई है। उसके बाद उदाकिशुनगंज थाना कांड संख्या 293/23 में धारा 25(1-बी)ए, 26 आर्म्स एक्ट एवं 30(a) बिहार मद्य निषेध एवं संशोधित उत्पाद अधिनियम 2022 दर्ज कर पुलिस हिरासत में लिया गया। बताया गया है कि इसके खिलाफ आसपास के विभिन्न थानों में कुल 15 मामले दर्ज हैं। सभी में न्यायालय द्वारा स्थाई तौर पर फरार घोषित किया गया है।

*गिरफ्तारी के लिए गठित टीम में शामिल पुलिस कर्मी को किया जाएगा पुरस्कृत*

सूचना के उपरांत गिरफ्तारी हेतु गठित टीम में पुनि सह थानाध्यक्ष जयप्रकाश चौधरी, पुअनि पप्पू कुमार, पुसअनि सुरेन्द्र कुमार, सिपाही-65- धीरेन्द्र कुमार, सि.-262-प्रभात कुमार, सि.-183-सोनू कुमार, सि.-353-विकेश कुमार यादव, सि.-81-सुनील कुमार, सि.-120-धर्मदेव कुमार को शामिल कर गणतंव्य स्थान पर भेजा गया। जहां छापेमारी के दौरान बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसपी राजेश कुमार ने कहा कि सभी पुलिस कर्मियों को सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

*मणि पासवान का आपराधिक इतिहास*

:: सोनवर्षा राज (काशनगर ओपी) थाना कांड संख्या 56/03 में धारा 307, 34, भादवि एवं 27 आर्म्स एक्ट।

:: उदाकिशुनगंज थाना कांड संख्या 09/05 में धारा 147, 148, 149, 307, 353, 414, भादवि एवं 3(1)(7) अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम।

:: उदाकिशुनगंज थाना कांड संख्या 09/05 में धारा 147, 148, 149, 307, 353, 414, भादवि 25(1-बी)ए, 26, 27 आर्म्स एक्ट।

:: उदाकिशुनगंज थाना कांड संख्या 50/2006 में धारा 392 भादवि।

:: उदाकिशुनगंज थाना कांड संख्या 128/07 में धारा 395, 397, भादवि।

:: सोनवर्षा राज (काशनगर ओपी) थाना कांड संख्या 138/09 में धारा 353, 386, 506 भादवि।

:: उदाकिशुनगंज थाना कांड संख्या 34/12 में धारा 302, 201, 120(बी), 34, भादवि।

:: सोनवर्षा राज (काशनगर ओपी) थाना कांड संख्या 25/12 में धारा 341, 342, 323, 379, 385, 34, भादवि।

:: उदाकिशुनगंज थाना कांड संख्या 165/13 में धारा 395 भादवि।

:: उदाकिशुनगंज थाना कांड संख्या 184/13 में धारा 147, 148, 149, 341, 342, 504, 307, 353, भादवि एवं 27 आर्म्स एक्ट।

:: सोनवर्षा राज (काशनगर ओपी) थाना कांड संख्या 134/13 में धारा 147, 148, 149, 341, 342, 323, 504, 353, 307, 225, 332, भादवि एवं 27 आर्म्स एक्ट।

:: सोनवर्षा राज (काशनगर ओपी) थाना कांड संख्या 17/15 में धारा 384, 427, 34, भादवि।

:: सोनवर्षा राज (काशनगर ओपी) थाना कांड संख्या 139/16 में धारा 147, 148, 149, 302, 120(बी), भादवि एवं 27 आर्म्स एक्ट।

:: उदाकिशुनगंज थाना कांड संख्या 80/17 में धारा 384, 385, भादवि।

:: सोनवर्षा राज (काशनगर ओपी) थाना कांड संख्या 67/19 में धारा 395 भादवि।