आपदा को अवसर में परिवर्तित कर बदल दी प्रा0वि0 अलावलपुर की तस्वीर

शिक्षक दिवस विशेष–
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सचित्र–

-शिक्षिका के श्रम ने
-दो फरवरी को सहायक अध्यापिका के रूप में प्राथमिक विद्यालय अलावलपुर में ग्रहण किया कार्यभार

शशिकांत ओझा, ब्यूरो चीफ

दैनिक समाज जागरण
बलिया : कहते हैं कि जिसके मन मष्तिष्क में कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो वह कुछ बेहतर करता ही है। कुछ इसी तरह का एक नजारा हनुमानगंज शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अलावलपुर में दिखा। सहायक अध्यापक के पद पर एक शिक्षिका ने यहां कार्यभार संभाला और आपदा को अवसर में बदल दिया।
कार्यभार ग्रहण के पश्चात दौर वैश्विक महामारी से गुजर रहा था तो अंजली तोमर के मन में कुछ और ही बातें धूम रही थी। उन्होंने मोहल्ला पाठशाला की शुरुआत की और देखते ही देखते गांव में कई जगह मोहल्ला पाठशाला संचालित हो गए। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन शिक्षा देना शुरू किया इसका परिणाम यह निकला जब विद्यालय सुचारू रूप से संचालित हुआ तो नामांकन और बच्चों की उपस्थिति दोनों में इजाफा हुआ। मोहल्ला पाठशाला के अलावा अभिभावक संपर्क तथा महिलाओं को शिक्षा के बारे में जागरूक करने का भी लगातार प्रयास करती रहती है उनके मन में बच्चों के लिए बहुत कुछ करने का संकल्प है और करती भी है। उन्हें जब पहला वेतन मिला तो उन्होंने सबसे पहले बच्चों के लिए टी-शर्ट और लोअर बनवा कर तत्कालीन सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक डॉ अमरनाथ राय के हाथों बच्चों को प्रदान की इसके अतिरिक्त उन्होंने विकलांग बच्चों के लिए ट्राई ,साइकिल बैग कॉपी,किताब भी वितरित करती है। आज अपने कठिन परिश्रम के बल पर विद्यालय में प्रतिदिन कुछ नया करने का प्रयास करती है अंजली तोमर का इरादा इस परिषदीय विद्यालय को प्रदेश का मॉडल विद्यालय बनाने का है तथा साथी गुणवत्तापरक शिक्षा में भी आदर्श बनाना है और ऐसा करती भी हैं इनके इस कार्य से प्रभावित होकर सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक आजमगढ़ मंडल आजमगढ़ अमरनाथ राय ने प्रशस्ति पत्र देकर इन्हें सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त मिशन शिक्षण संवाद प्रयागराज में भी सम्मानित किया गया ,साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव नारायण सिंह ने भी प्रशस्ति पत्र स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सम्मानित होकर कभी इतराई नही बल्कि इससे ज्यादा करने को बल मिला । यह लगातार विद्यालय और विद्यालय के बच्चों को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहती है । आज के तारीख में विद्यालय में बच्चों को नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए अलग से तैयारी भी करवाती है। समय समय पर जरूरतमंद की सहायता भी करती रहती है। बच्चों की शिक्षा को कैसे रोचक बनाया जा सके लिए प्रयोग के माध्यम से समझाने का कार्य करती है आगे बच्चों को स्मार्ट क्लास में प्रोजेक्टर के माध्यम से भी शिक्षा प्रदान करने की सोच है। साथ ही कुछ हमेशा कुछ अगल करने के बारे में भी सोचती रहती है शिक्षा के साथ साथ खेल ,योगा प्राणायाम आदि पर विशेष बल देती है । मासिक टेस्ट भी बच्चों को शिक्षा के प्रति लगाव का एक माध्यम बनाई है ।साथ ही समय समय पर बच्चों से प्रोजेक्ट भी बनवाने का कार्य करती है ।सामाजिक कार्यो में भी बढ़चढ़ कर प्रतिभाग करती है। निश्चित तौर पर शिक्षक दिवस के दिन ऐसे शिक्षकों को प्रणाम तो बनता है।