कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य और हॉस्टल अधीक्षक का के बीच पैसे लेनदेन का ऑडियो वायरल,

वायरल ऑडियो से खुल रही छात्रावास और जिम्मेदारों की पोल

अनूपपुर। हाल ही में सोशल मीडिया में लगभग 2 मिनट का एक ऑडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य और कन्या शिक्षा परिसर आवासीय छात्रावास के अधीक्षक के साथ खाने की गुणवत्ता और पैसे की लेनदेन का मामला सामने आया है। कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य सुभाष वर्मा और कन्या शिक्षा परिसर आवासीय छात्रावास की अधीक्षक का प्रभा मरावी के बीच बातचीत का यह ऑडियो बताया जा रहा है। अध्यक्ष का प्रभा मरावी से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह ऑडियो एक साल पुराना है, जिसमें प्राचार्य द्वारा शिक्षावृत्ति के पैसे देने के एवज में 25 हजार रुपए की मांग की जा रही है। प्रचार्य सुभाष वर्मा ने पूरे ऑडियो को ही अपना नहीं बताया है उनका कहना है कि उसे ऑडियो में जो आवाज है वह मेरी नहीं है मैं किसी तरह की मांग पैसे की नहीं की है। फिलहाल विभाग द्वारा तीन सदस्य टीम गठित कर पूरे मामले की छानबीन के लिए आगे की कार्यवाही प्रस्तावित कर दी है लेकिन पूरा मामला ऑडियो में अधीक्षक से पुराने हॉस्टल अधीक्षक के जैसे वार्षिक रुपए लेनदेन की बात कही जा रही है जिस पर जांच अति आवश्यक है।

वायरल ऑडियो के आधार पर प्राचार्य पर लगा पैसे मांगने का आरोप

कन्या शिक्षा परिषद आवासीय विद्यालय के प्राचार्य सुभाष वर्मा के ऊपर वायरल ऑडियो के आधार पर प्रभा मरावी ने 25हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। प्रभा मरावी का कहना है पिछले ही वर्ष से प्राचार्य द्वारा खाने-पीने के साथ-साथ छात्रावास को मिलने वाली सुविधा एवं वास्तु और शिक्षावर्त्ति के पैसे देने के नाम पर मोटी रकम की मांग की जाती रही है मामला जब नोटिस पर आ गया तो हमने इसकी शिकायत ऊपर कर दी है। वहीं उक्त आरोप पर प्राचार्य का कहना है कि मेरे द्वारा किसी तरह के पैसे की मांग नहीं की गई है आरोप मिथ्या है। मैंने बिल वाउचर की मांग की थी और शिक्षावृत्ति का पैसा मैंने चेक के माध्यम से दिया है।

विभागीय जांच में होगा खुलासा

विभाग द्वारा तीन सदस्य टीम बनाकर पूरे मामले की छानबीन करने के लिए कन्या शिक्षा परिसर और अधीक्षक कार्यालय भेजी है। विभाग द्वारा प्राचार्य और अधीक्षक से पूछताछ की जाएगी इसके साथ छात्रों से उनके प्रतिदिन के आहार के विषय में पूछताछ कर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रिपोर्ट के आधार में अगली कार्यवाही की जाएगी। वैसे तो विभाग को प्रति सप्ताह छात्रावास में भोजन तथा अन्य सुविधाओं का जायजा भी टीम गठित कर लेना चाहिए। विभागीय जांच में ही पूरे मामले का खुलासा हो सकता है।

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