बिजनौर। बिक रही है प्रधानमंत्री योजना में अनुसूचित जाति जनजाति के बेरोजगारों के लिए बनी दुकाने

बिजनौर। प्रधानमंत्री योजना में अनुसूचित जाति जनजाति के बेरोजगारों के लिए बनी दुकाने बिक रही है। लेकिन अनेक शिकायतें होने के बाद भी समाज कल्याण अधिकारी इस पर कोई भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।
          मालूम हो की प्रदेश कि कांग्रेस सरकार के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी योजना के अंतर्गत वर्ष 1980 में अनुसूचित जाति जनजाति के बेरोजगारों को रोजगार से लगाने के लिए यहां अंबेडकर रोड निकट नगर पालिका के पास 10 दुकानो निर्माण कराकर योजना के पत्र बेरोजगारों को दी जानी थी लेकिन अनुसूचित जाति जनजाति के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के दबाव में आकर
अपात्र लोगों को मात्र 20-20 में हजार रुपए की रसीले काट कर उनके नाम कर दी गई थी, उसी समय से  प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत बनी दुकान किराएदारी पर दे दी गई थी जिसमें कुछ किराएदार आज भी काबिज हैं और कुछ दुकान अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों ने अन्य समाज के लोगों को 20-20 लाख रुपए में  बेनाम बिना ही बेच दी है केवल और केवल ₹100 के स्टांप पर बेचना दर्शाया गया है ताकि वे सरकार की कानूनी कार्रवाई से बच सके।  जबकि बिक रही दुकानों के बारे में अनेक बार जिलाधिकारी में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को लिखित और मौखिक शिकायतें की गई लेकिन किसी भी अधिकारी ने आज तक कार्रवाई करना तो दूर इनकी जांच तक करना गवारा नहीं किया जो दुकानों की बिक्री में उनका भी सहयोग होने का स्पष्ट संकेत मिलता है।  यदि समाज कल्याण अधिकारी हम साथ नहीं होते तो मौके पर आकर जांच पड़ताल कर दुकानो के स्वामियों और खरीदारों के विरुद्ध विभाग के करवाई कर कानूनी कार्रवाई भी करते लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। 
           अब कुछ लोग नगीना में बनी प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत बनी दुकानों जिन पर अनुसूचित जाति जनजाति लोगों का अधिकार है उनके इस अधिकारों पर नगर के कई पूंजी पतियों ने दुकान खरीद कर अपना अधिकार जम रहे हैं उनकी और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करने की योजना बना रहे हैं। इस संबंध में समाप्त कल्याण विभाग के के अधिकारी से उनका पक्ष लेना चाह लेकिन दूरभाष पर बात नहीं हो।

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