अभय कुमार मिश्रा, दैनिक समाज जागरण, ब्यूरो चीफ, कोल्हान झारखंड
सरायकेला खरसावां (झारखंड)15 दिसंबर 2024:– भ्रष्टाचार का माजरा अगर करीब से देखना चाहतें हैं तो सिविल सर्जन ऑफिस सरायकेला- खरसावां आपका हार्दिक स्वागत करता है। जी हां, आपने सही पढ़ा… सिविल सर्जन कार्यालय सरायकेला का कहानी अगर आपको बताएं तो आपको भी यह चरित्रार्थ होता हुआ महसूस होगा। कहानी है एक तृतीय वर्गीय बलवान कर्मचारी का जो पूरे स्वास्थ्य विभाग के प्रशासन को अपने मुट्ठी में कर रखा है। बलवान कर्मचारी ने जिला के सिविल सर्जन और उपायुक्त को छोड़िए उन्होंने राज्य के निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार के आदेश को भी ठेंगा दिखाया है।
आपको बताते चलें कि सिविल सर्जन कार्यालय सरायकेला -खरसावां में कुलदीप कुमार घोषाल नाम का एक तृतीय वर्गीय कर्मचारी है ,जो वर्षों से प्रतिनियुक्ति होकर कार्य कर रहा है। श्री कुलदीप कुमार घोषाल महिला उत्पीड़न, छेड़खानी एवं बलात्कार का प्रयास करने जैसे संगीन मामले के आरोपी हैं जो वर्ष 2017 में एक महिला फिजियोथैरेपिस्ट चिकित्सक के साथ सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में यौन उत्पीड़न जैसा घिनौना हरकत को अंजाम दिया था। जिसके विरुद्ध महिला चिकित्सक के द्वारा अपनी सुरक्षा का गुहार लगाते हुए सरायकेला थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पुलिस अनुसंधान में मामला संगीन पाए जाने के कारण व्यवहार न्यायालय सरायकेला में केस को स्थानांतरित की गई। न्यायालय का आदेश से श्री घोषाल को कुछ दिनों के लिए जेल भी जाना पड़ा। तत्कालीन सिविल सर्जन के द्वारा संगीन अपराधिक मामले को देखते हुए श्री घोषाल को कुछ दिनों के लिए निलंबित किया गया एवं सबूतों के साथ छेड़-छाड़ ना हो इसके लिए उनका प्रतिनियुक्ति रद्द करते हुए पूर्व पदस्थापित स्थान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चांडिल में उन्हें भेज दिया गया। परंतु मजे की बात यह है कि सभी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए श्री घोषाल 6 माह के अंदर पुनः सिविल सर्जन ऑफिस सरायकेला में प्रतिनियुक्त होकर लौट आ गये । वर्तमान में उक्त केस district additional session judge-1 के न्यायालय में session trial (N)147/2018 विचाराधीन है। न्यायालय में उक्त केस का लगातार गवाही लेने की न्यायिक प्रक्रिया जारी है। प्रार्थी द्वारा कई बार सिविल सर्जन साहब से सबूत मिटाए जाने की अंदेशा के कारण गुहर लगाते हुए आरोपी को सिविल सर्जन कार्यालय से दूर कहीं अन्यत्र कार्यालय में स्थानांतरण करने का आग्रह किया गया, परंतु हरएक गुहार हमेशा की तरह ढाक के तीन पात साबित हुआ है। सूत्रों की माने तो आरोपी अपना दबंगई से पूरा स्वास्थ्य महकमा को अपने कब्जे में कर रखा है। उनके इशारे पर ही पूरे सरायकेला- खरसावां जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों की बहाली एवं ट्रांसफर- पोस्टिंग होता है। बीते दिनों में भी एक घटना प्रकाश में आया था श्री कुलदीप घोषाल का सगा भाई श्री रविंद्र कुमार घोषाल सरायकेला सिविल सर्जन ऑफिस के अलावा तीन जिले में अलग-अलग पद पर सरकारी कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे। जिसके विरुद्ध आमडापाड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले का भी मास्टरमाइंड श्री कुलदीप कुमार घोषाल को माना जाता है। लोकसभा चुनाव के दौरान श्री घोषाल का स्थानांतरण के लिए श्री के. रवि कुमार, झारखंड राज्य निर्वाचन पदाधिकारी ने भी स्थानांतरण का आदेश जारी किया था, परन्तु उस आदेश को भी ठिकाने लगा दिया गया। उक्त सारी तथ्यों के आधार पर निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं झारखंड सरकार के द्वारा दिनांक 11. 12.2024 को अपने पत्रांक- 48/2024-2135(23) दिनांक -11-12-2024 के द्वारा पुनः एक आदेश जारी किया गया है जिसमें स्पष्ट निर्देश है कि श्री कुलदीप घोषाल को अबिलम्ब किसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरण किया जाए। परंतु तीन दिन बीत जाने के बाद भी सिविल सर्जन साहब का हाथ कांप रहा है अब तक आरोपी कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं हो सका है। सूत्रों की माने तो प्रार्थी को डरा- धमका कर शिकायत वापस लेने का सफल दबाव आरोपी द्वारा बनाने में कामयाबी हासिल कर ली गयी है एवं निदेशक प्रमुख को भी समझाने-बुझाने में भी सफल हो गये हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार के आदेश को आरोपी ठेंगा दिखाने में सफल हो गए हैं।
अन्तोगत्वा प्रार्थी ने थक- हार कर राजनीति के उभरते सितारे टाइगर जयराम महतो के शरण में जाकर गुहार लगाने का मन बनायी है ।