कांग्रेस और वामपंथियों ने आपको अंधकार दिया था, हमने अधिकार दिए हैं: त्रिपुरा में बोले गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस और वाम दलों पर निशाना साधा और कहा कि दोनों पार्टियों ने यहां 50 साल तक शासन किया, लेकिन राज्य का विकास नहीं हुआ, जबकि हमने 4 लाख परिवारों को घर में पीने का पानी दिया. उन्होंने कहा, ‘वामपंथी भाइयों ने 27 साल के अपने शासन में केवल 24 हजार परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया था.’ वे दक्षिण त्रिपुरा जिले के संतिर बाजार में भाजपा की विजय संकल्प जनसभा की रैली को संबोधित कर रहे थे.

केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा, ‘अगर आप चाहते हैं कि राज्य में एक बार फिर से भाजपा कि सरकार बने तो कमल का बटन दबाइए. वामपंथियों ने आपको अंधकार दिया था हमने आपको अधिकार दिए हैं, हमने विनाश की जगह विकास और विवाद की जगह विश्वास दिया है. अब यहां सुरक्षा का वातावरण सुनिश्चित हो रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में कैडर राज और टोला बाजी की परंपरा को समाप्त कर त्रिपुरा को विकास की राह पर आगे बढ़ाने का काम किया है. महिलाओं के खिलाफ अपराध में 50 फीसदी तक की कमी आई है.’

जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘पहले पूरा पूर्वोत्तर बम धमाकों से गूंजता था अब यहां ट्रेन और हवाई जहाजों की आवाज आती है. हमने राज्य में सातवां वेतन आयोग लागू कर सभी कर्मचारियों के साथ न्याय करने का काम किया है. हमने परिवर्तन का वादा किया था… 5 साल में भाजपा ने शांति स्थापित करने का काम किया है. अब अगले 5 साल में त्रिपुरा को पूर्वोत्तर का सबसे विकसित राज्य बनाने का काम भाजपा करेगी.’

उन्होंने जनता से कहा, “भाइयों… वामपंथियों को वोट देने का मतलब है फिर से हिंसा का शासन स्थापित करना. बांग्लादेशी घुसपैठियों को अगर कोई रोक सकता है, तो भाजपा रोक सकती है, बाकी दल तो इन घुसपैठियों को वोटबैंक समझते हैं. कम्युनिस्टों के ‘कैडर रूल’ का स्थान अब बीजेपी के ‘संवैधानिक रूल’ ले लिया है. हमने भय के माहौल को समाप्त किया है और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने त्रिपुरा को वास्तव में एक विकसित राज्य बनाया है.”

गौरतलब है कि त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को मतदान होगा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य की 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि पांच सीटें सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के लिए छोड़ी हैं. त्रिपुरा में 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को 36 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि आईपीएफटी उम्मीदवार आठ सीटों पर विजयी रहे थे.