धरना प्रदर्शन से पानी नही मिलेगा, प्रशासनिक सुधार करे दिल्ली के मंत्री: डॉ. अभय सिंह यादव

समाज जागरण डेस्क

नई दिल्ली: देश के राजधानी दिल्ली मे जहाँ एक तरफ हीट वेव कहर बड़पा रहा है वही दूसरी तरफ पानी के किल्लत जलती आग मे घी डालने जैसा है। दिल्ली मे पानी फ्री तो है लेकिन मिलते नही है। शायद फ्रि का परिभाषा भी यही है। पानी के लिए टैंकर के पीछे भागते लोग और गाड़ी पर चढ़कर पाईप से पानी निकालते लोगों की विडियों सोशल मिडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। गंभीर समस्या को लेकर भले की माननीय न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया हो लेकिन लगता है दिल्ली वालों के किस्मत मे पानी के किल्लत से जुझना ही लिखा है। आखिर माननीय के आदेशों का पालन करने वाले नेता लोग धरना प्रदर्शन और हार जीत की समीक्षा करने मे जो व्यस्त है।

हीट वेव से मरने वालों के संख्या मे लगातार बढोतरी भी अब लोगों को डराने लगी है। कोरोना काल के बाद 19 जुन को दिल्ली के शमशान घाट मे पहुँचे सबसे ज्यादा शव भले की आम लोगों के लिए चिंता की विषय हो लेकिन बेशर्म राजनीतिक की नीयत कभी धरना प्रदर्शन से बाहर आकर समस्याओं का समाधान ढुढ़ना नही है। बल्कि समस्याओं को और बढाकर राजनीतिक वोट बैंक बढ़ाना है। एक तो गर्मी ऊपर से ये बेशर्म राजनीति दल। अपने घर से पानी के मटका भर के जरूरतमंदो तक पहुँचाने के बजाय खाली मटका फोड़ने और फोटो खिचवाने मे व्यस्त है। शहर मे जगह जगह मिल रहे लावाऱिश लाशों की संख्या दिन व -दिन बढ़ती ही जा रही है।

दिल्ली सरकार के मंत्री अतिशि धरना प्रदर्शन मे व्यस्त है, हर रोज प्रेस कांफ्रेस करना ही शायद अपनी नैतिक कर्तव्य समझती है। हर रोज हरियाणा सरकार पर आरोप लगाकर अपने अपनी बचाव कर लेती है। वही दिल्ली बीजेपी वाले हर रोज आरोप प्रत्यारोप को ही जनता की सेवा समझकर शांत है। हरियाणा के मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव ने दिल्ली के मंत्री अतिशि के आरोपों पर जबाब देते हुए कहा है कि धरना प्रदर्शन से पानी नही मिलते है। दिल्ली के मंत्री को यह देखना चाहिए कि पानी कहाँ वेस्टेज हो रहा है। प्रशासनिक कार्यों मे सुधार करना चाहिए। हरियाणा सरकार का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। यह उन (दिल्ली सरकार) पर निर्भर करता है कि वे अपने आंतरिक मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं…” ।

दिल्ली मे हीट वेव और पानी के किल्लत से हो रहे मौत मंत्री जी को आंतरिक मामला लगता है। जिसे दिल्ली सरकार को स्वयं सुलझाने की सलाह दे रहे है। क्या बाकई मे हरियाणा दिल्ली को जितनी पानी चाहिए उतना ही दे रहा है और दिल्ली सरकार उसका उचित प्रबंध करने मे या फिर लोगों तक पहुँचाने मे असफल है । तो दिल्ली सरकार को चाहिए कि इस समय मे अगर फ्री व्यवस्था न हो तो पैसे लेकर भी पानी कि उचित प्रबंध करें। क्योंकि जहाँ भी फ्रि के लॉलीपाप बांटे जाते है वहाँ कि व्यवस्था दिल्ली के जैसा ही होता है। फ्री तो है लेकिन मिलते ही नही। लोगों पानी के टैंकर के पीछे भागने को मजबूर है। उम्मीद है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली मे सभी राजनीतिक पार्टी के लोग जनहित मे कार्यक करेंगे ।