ग्यारह साल, देश बेहाल : राघवेंद्र नारायण

ब्यूरो चीफ़/ दैनिक समाज जागरण

सोनभद्र। एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण ने मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर तंज कसते हुए कहा कि “अच्छे दिन अभी तक नहीं आए, लेकिन अब वे आने वाले हैं, क्योंकि भाजपा जाने वाली है।” उन्होंने कटाक्ष किया कि भाजपा जानती है कि अच्छे दिन तभी आएंगे जब कांग्रेस सत्ता में आएगी, इसलिए भाजपाई हमेशा कहते हैं कि “अच्छे दिन आने वाले हैं,” लेकिन कभी नहीं कहते कि अच्छे दिन आ गए हैं।”
राघवेंद्र नारायण ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 140 करोड़ देशवासियों ने अपने आप को ठगा और छला हुआ महशूस किया।
महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, लूट, नफरत, हिंसा, महिलाओं के खिलाफ अपराध, ट्रेन दुर्घटनाएं, सीमा असुरक्षा, कोविड-19 जैसी महामारी और नोटबंदी जैसे संकटों का सामना किया।

उन्होंने इसे महामहंगाई का काल, महाबेरोजगारी का काल, महाभ्रष्टाचार का काल, महालूट का काल, महानफरत का काल, महाहिंसा का काल, बहन-बेटियों के महारेप काल, ट्रेन दुर्घटनाओं का काल, देश की सीमाओं की असुरक्षा का काल और नोटबंदी के नाम पर लोगों की हत्या का काल” करार दिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह सब देश की जनता के लिए महासंकट का काल है, लेकिन भाजपा सरकार इसे “अमृत काल” मानती है।

उन्होंने भाजपा के साथियों से सवाल उठाते हुए कहा, “सांसदों द्वारा गोद लिए गए गांव क्या हमेशा गोद में ही रहेंगे या कभी धरातल पर उतरेंगे?

स्मार्ट सिटी बनाने का सपना पूरा करने के लिए इन्हें अगला जन्म लेना पड़ेगा लेकिन स्मार्ट गांव बनाने की शुरुआत तो अभी से कर दें, तो देश का कल्याण हो सकता है।

उन्होंने काला धन वापस लाने में नाकामी पर चुटकी लेते हुए कहा, “काला धन नहीं ला सके तो कोई बात नहीं, काले मन को ही मिटा दें, ताकि जनता को नफ़रत भरे माहौल से कुछ राहत मिल सके।

राघवेंद्र नारायण ने पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर, सोना और डॉलर को आज की तारीख में सरकार से ज्यादा मज़बूत बताया और कहा कि सरकार का इनपर कोई कंट्रोल नहीं रह गया है।

उन्होंने साइबर ठगी पर भी सवाल उठाया, जिसमें देश भर में 6,000 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये ठगे जा रहे हैं और बूढ़ा “चौकीदार” इसे रोकपाने में नाकाम है।

राघवेंद्र नारायण ने प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी से 11 साल के कार्यकाल के बाद देश की मीडिया के सामने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की मांग की। उन्होंने कहा कि “पाप खुद करें और सफाई दूसरा दे” जैसे अभियानों से अब भला होने वाला नहीं देश की जनता सब कुछ जान चुकी है।

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