पूर्व मंत्री चौ. उदयभान सिंह के नाती को करना पड़ा अदालत में आत्मसमर्पण, जेल भेजा गया

आगरा। पूर्व मंत्री के नाती दिव्यांश चौधरी ने जूता कारोबारी और उनकी बेटी को कार से कुचलने की कोशिश के आरोप में दर्ज मुकदमे में कोर्ट में किया सरेंडर, पुलिस ने 25 हजार का इनाम किया था घोषित। आपको बता दें स्पेशल सीजेएम विनीता सिंह की अदालत ने शुक्रवार को भाजपा के पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के नाती दिव्यांश चौधरी को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए। फरार चल रहे दिव्यांश ने अदालत में आत्मसमर्पण की अर्जी दी थी। इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आदेश दिए। आदेश के अनुपालन में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। थाना शाहगंज में दर्ज बहुचर्चित मामले में दिव्यांश पर एक युवती एवं उसके पिता पर कार चढ़ाने के प्रयास एवं गाली गलौज के आरोप लगे थे। यह घटना विगत 15 अप्रैल को ऋषि मार्ग पर हुई थी। दिव्यांश के खिलाफ जानलेवा हमले की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। दिव्यांश चौधरी पुत्र मनजीत सिंह निवासी 595 पश्चिमपुरी, काली मंदिर के पास, थाना सिकन्दरा मुकदमे के बाद भूमिगत हो गया था। आरोपी द्वारा अग्रिम जमानत हेतु जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर उसे राहत नहीं मिली थी, आरोपी ने हाईकोर्ट से भी राहत प्राप्ति का भरसक प्रयास किया था, परन्तु वहाँ से भी आरोपी को राहत नहीं मिली थी, हाईकोर्ट ने आरोपी को निर्धारित समय में स्थानीय अदालत में आत्म समर्पण के आदेश दिये थे।
दिव्यांश द्वारा आत्मसमर्पण नहीं करने पर थाना शाहगंज पुलिस द्वारा गैर जमानती वारंट एवं फरारी की उदघोषणा के आदेश अदालत से प्राप्त किये थे। पुलिस आरोपी की कुर्की के आदेश अदालत से प्राप्त करने की तैयारी में थी। इसी बीच आरोपी द्वारा विगत 16 जुलाई को स्पेशल सीजेएम विनीता सिंह की अदालत में अपने अधिवक्ता पंकज शर्मा के माध्यम से आत्मसमर्पण प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया, जिस पर स्पेशल सीजेएम ने थाना शाहगंज से आख्या तलब करने हेतु 19 जुलाई नियत की थी। शुक्रवार को आरोपी द्वारा स्पेशल सीजेएम की अदालत में आत्मसमर्पण करने पर स्पेशल सीजेएम विनीता सिंह ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेजने के आदेश दिये। गौरतलब है कि इस मुकदमे के दर्ज होने पर राजनीति भी गर्मा गयी थी। पंजाबी समाज खुलकर युवती और उसके परिवार के साथ खड़ा हो गया था। कई सभाएं और प्रदर्शन भी किए गए। कुछ दिन पूर्व दोनों पक्षों पंचायत की भी खबरें आई थीं, लेकिन यह पंचायत भी किसी समझौते पर नहीं पहुंच सकी थी। दो मामलों में सरेंडर के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है, दोनों की मुकदमे थाना शाहगंज में दर्ज हैं। प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि थाना पुलिस तंग व परेशान कर रही है, जबकि उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। इस मामले में कोर्ट ने थाना प्रभारी शाहगंज से 19 जुलाई को आख्या तलब की है।

प्रमोद कुशवाह कि रिपोर्ट