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टिकारी से (विश्वनाथ आनन्द):- गया सेंट्रल कमिटी भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता संदीप यादव की संदिग्ध मौत होने से नक्सलियों की रीढ़ टूटी l वही नक्सली सदस्यों के मनोबल में भी कमी आई है l बताते चलें कि संदीप यादव की तस्वीर आज तक पुलिस को हाथ नहीं लगी , आज उसकी डेड बॉडी देखकर लोग स्तब्ध हैं। नक्सलियों के खेमों में संदीप यादव बड़े साहब के नाम से जाना जाता था। देश के 5 राज्यों की पुलिस को नक्सली नेता संदीप यादव की तलाश कर रही थी। संदीप यादव का खौफ 90 के दशक में परवान पर था। संदीप यादव की संदिग्ध मौत ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। पुलिस की फाइल में नक्सलियों के शीर्ष नेता संदीप यादव 27 सालों से फरार था। कई राज्यों की पुलिस ने संदीप यादव पर 50 लाख से अधिक के इनाम गिरफ्तार करने को लेकर घोषणा किया था l लेकिन संदीप यादव को पकड़ना तो दूर, उसकी तस्वीर तक पुलिस को आज तक हाथ नहीं लगी। सेंट्रल कमेटी भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता रहे, संदीप यादव की मौत से जहां बिहार सहित कई राज्यों की पुलिस , सुकून महसूस कर रही है , वही नक्सली खेमे में बड़े साहब और संदीप यादव की मौत ने मानो कमर ही तोड़ दी है। संदीप यादव की संदिग्ध मौत के पीछे दवा रिएक्शन बताया जा रहा है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि संदीप यादव की हत्या कहीं जहर देकर तो नहीं कर दी गई है। आपको बता दें कि नक्सली शीर्ष नेता रहे संदीप यादव की पत्नी पेशे से सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। बेटी और दामाद दिल्ली में रहते हैं। आज संदीप यादव की लाश सीआरपीएफ के जवानों ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया । मौके पर उपस्थित पुलिसकर्मियों ने मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा कि संदीप यादव उर्फ संदीप जी उर्फ बड़े साहब की संदिग्ध मौत किन कारणों से हुआ है। गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा संदीप यादव के शव को अंत्यपरीक्षण हेतु लाया गया । ऐसे तो शव के साथ संदीप यादव के 2 पुत्र भी मौजूद रहा l