गुरूवार को सोशल मीडिया पर फूटा जनता का गुस्सा, भारत में नंबर 1 पर हुआ ट्रेड #अब_आया_ऊंट _पहाड़ _केनीचे



दैनिक समाज जागरण

गुरुवार को ट्विटर पर #अब_आया_ऊंट _पहाड़ _केनीचे और जवाब तो देना पड़ेगा सहित 8 टैग जमकर ट्रेंड हुए कुछ घण्टों में लोगों ने 2 मिलियन ट्वीट किय जिससे पूरे भारत में नंबर 1 तो वही पूरे विश्व में नंबर 5 पर टैग ट्रेंड होने लगा दरअसल पुरे मामले में लोगों ने वीडियो जारी कर ट्वीट के माध्यम से बताया की फर्स्ट इंडिया न्यूज चैनल के एंकर विजेंदर सोलंकी ने बिना विवेक के न्युज स्टूडियो में सन्त रामपाल जी महाराज जी की लिखी पुस्तक में लिखित ज्ञान को गलत बताया है साथ ही पुस्तक में छपे शिवलिंग के चित्र को भी गलत बताया है। यही वह लोक वेद है किसके कारण एक ग्रेजुएट आदमी अनपढ़ व्यक्ति से भी बद्तर बर्ताव किया है। लोगों ने ट्वीट कर अपने विचार रखें और बताया की सन्त रामपाल जी महाराज जी ने हिन्दू धर्म के पवित्र शिवपुराण से प्रमाणित करके लिखा है कि वर्तमान में शिव मंदिर में शिव लिंग की पूजा की जाती है यह स्त्री इंद्री व पुरुष लिंग का चित्र है। यह शिव पुराण में ऐसा ही लेख लिखा है जिसे कोई भी हिन्दू व गैर हिन्दू गलत साबित नही कर सकता। लोगों ने इसके प्रमाण की शिव पुराण विदेश्वर संहिता का 27, 28, 29, 30, शिव महापुराण के विद्यवेश्वर संहिता के अध्याय 5 श्लोक 27 -30 में लिखा है होने का भी दावा किया। बुद्धिमान समाज है अब स्वयं विवेक से सोचे कि सन्त रामपाल जी महाराज जी ने जो ज्ञान अपनी पुस्तको में लिखा है पुराणों व वेदों से ही लिया गया है जिसे हम सैंकड़ों सालों से पढ़ते आ रहे हैं। फिर भी नकली गुरुओं के चक्कर मे एक पढ़ा लिखा समाज कैसे शास्त्रों के विरुद्ध पूजा करता हैं। जब तक आप सन्त रामपाल जी महाराज जी के द्वारा लिखित पुस्तको का अध्ययन नही करेंगे तब तक कोई भी धर्मगुरु व हिन्दू भाई हमारे सनातन परमात्मा को नही जान पाएंगे। वर्तमान में जितने भी धर्म के नाम पर विवाद होते हैं ये सब हमारे अज्ञान के कारण होते हैं। इन सभी न्युज चैनल को विचार करना चाहिए कि हम समाज के सामने क्या पेस कर रहे है? आपको चाहिए कि आप सच और झूठ का निर्णय करने के लिए सभी धर्मगुरुओं को एक मंच पर बिठाए ओर साथ मे सन्त रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को भी बिठाकर चर्चा करें ताकि धार्मिक समाज यह निर्णय कर सके कि परमात्मा की वास्तविक भक्ति क्या है और कौन परमात्मा है जो अजर अमर है।

आध्यात्मिक ज्ञान और लोकवेद दोनो विपरीत होते हैं जैसा कि आप सभी को मालूम है। हम सभी किसी न किसी भगवान को इष्ट रूप में जरूर पूजा करते हैं। यह हम सभी की धार्मिक भावनाएं होती है होनी भी चाहिये। लेकिन रोज देखते हैं कंही न कंही धर्म के नाम पर लड़ाई झगडे होते रहते हैं इसका कारण पता है? नही क्योकि हम आज तक समझ ही नही पाये है कि वास्तव में कौनसा ज्ञान सही है और कौनसा गलत। कौन है वह असली परमात्मा जिसकी पूजा करने के लिए हमारे धार्मिक ग्रन्थ गवाही दे रहे है। वर्तमान में अनेक धर्मगुरु हुए हैं जिनका सबका अलग अलग ज्ञान है और यही अज्ञान हमे भृमित कर रहा है। इन सभी भृमित ज्ञान प्रचारक सन्तो के बीच सन्त रामपाल जी महाराज जी ने पुराणों से साबित कर दिया कि हिन्दू धर्म के देवता ब्रह्मा जी, विष्णु जी व शिव जी का जन्म मृत्यु होती है। यह ज्ञान सन्त रामपाल जी महाराज जी ने अपनी लिखित सभी पुस्तको में बताया है जो 100% प्रमाणित है। विश्व के सभी सोशल मीडिया लेटफॉर्म पर सन्त रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान छाया हुआ हैं, जिसकी बौखलाहट नकली धर्मगुरुओं की गले की फास बना हुआ हैं। वे स्वयं तो इस इस ज्ञान को जनता के सामने कहने से बच रहे है क्योंकि उनको मालूम है कि सन्त रामपाल जी महाराज जी के द्वारा बताया गया ज्ञान सत्य है और इस सत्य के आगे स्वयं का ज्ञान अज्ञान साबित हो रहा है।