मैं एसपीजी के लोगों को बोलता हूं, आपके साथ सेल्फी लूंगा… जब एक युवा किसान ने पीएम मोदी से कर दी डिमांड

जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद पहली बार श्रीनगर दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने मंच से दो शहीदों के परिजनों समेत कई युवाओं को अप्वाइंटमेंट लेटर सौंपा. इससे पहले उन्होंने ऐतिहासिक शंकराचार्य पहाड़ी को प्रणाम किया.

आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर दौरे पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में अपने भाषण से पहले युवा उद्यमियों से बातचीत की. इस दौरान एक मधुमक्खी पालक किसान ने उनसे साथ में सेल्फी लेने की मांग कर दी. पीएम मोदी ने इस डिमांड पर मुस्कराकर हामी भर दी.

पीएम मोदी के साथ लंबी बातचीत करने वाले पुलवामा के एक युवा किसान नाजिम ने बताया कि आज के समय में कश्मीर के शहद की कीमत 1000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है. पीएम मोदी से बातचीत के बीच में ही नाजिम ने पब्लिकली एक डिमांड कर दी. उन्होंने कहा, “सर एक गुजारिश है. एक बार मैंने 2023 में केवीआईसी में सेल्फी विद मोदी जी ली. आज मेरा जी चाहता है कि मैं उस सपने को भी साकार करूं.

युवा किसान की अनोखी मांग सुनकर मंच पर माइक के सामने खड़े पीएम मोदी पहले मुस्कुरा दिए. इसके बाद पीएम मोदी ने सुरक्षा में लगे एसपीजी कमांडोज की तरफ देखते हुए कहा, “मैं कोशिश करता हूं. मैं एसपीजी के लोगों को बोलता हूं. बाद में आपको इस तरफ लेकर आएंगे. मैं आपके साथ जरूर सेल्फी लूंगा.” नाजिम के बाद पीएम मोदी ने कश्मीर के कई इलाके में बेकरी का काम करने वाली युवती हामिदा और उनकी बहनों और टीम से भी बातचीत की. पीएम मोदी ने सभी युवा उद्यमियों को शुभकामनाएं दी और सरकार की ओर से पूरी मदद करने का भरोसा दिलाया.  

ये वो नया जम्मू कश्मीर है, जिसका इंतजार हम सभी को कई दशकों से था- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में ‘विकसित भारत, विकसित जम्मू कश्मीर’ कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ये नया जम्मू कश्मीर है, जिसके लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया था. इस नए जम्मू कश्मीर की आंखों में भविष्य की चमक है. इस नए जम्मू कश्मीर के इरादों में चुनौतियों को पार करने का हौसला है. पीएम मोदी ने कहा कि ये वो नया जम्मू कश्मीर है, जिसका इंतजार हम सभी को कई दशकों से था. 

उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब देश में जो कानून लागू होते थे, वो जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं हो पाते थे. गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ जम्मू-कश्मीर के लोगों को नहीं मिलता था. आज देखिए कैसे वक्त ने करवट बदली है. आज श्रीनगर जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए पर्यटन की नई पहल कर रहा है