कोतमा और भालूमाड़ा में खाकी के सह पर खुलेआम शराब की पैकारी, पुलिस और अधिकारी विभाग की मौन स्वीकृति

समाज जागरण
जितेंद्र शर्मा

अनूपपुर। जिले के कोतमा और जमुना कालरी में संचालित कंपोजिट शराब दुकान जिन्हें अपने दुकान से शराब की बिक्री करने का अधिकार है लेकिन ज्यादा आमदनी की फिराक में ठेकेदार गांव-गांव शराब की पैकारी कर गांव की जनता को नशे की लत लगाकर उनका और उनके परिवार का जीवन बर्बाद करने में लगे हुये है। जिसे देखने और सुनने वाला कोई नहीं है प्रशासन की मूक दर्शन बन कर बस देखती रहती है। पुलिस प्रशासन की खुली छूट की वजह से शासन प्रशासन का भय नहीं है, खुले आम चल रहे अवैध शराब बिक्री को देखकर प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खडा होता है।

गांव गांव बेची जा रही अवैध शराब

जमुना कालरी में संचालित एवं कोतमा में संचालित कंपोजिट शराब दुकान के ठेकेदार के द्वारा गांव गांव में अवैध शराब बेचने का ठीहा बनाकर खुले तौर पर शराब की बिक्री की जा रही है जिसकी जानकारी चैकी से लेकर उपर तक होने पर भी न तो कोई सही ढंग से कार्यवाही होती है न ही जांच पडताल होती है।
पुलिस कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है यह तो पता नहीं लेकिन हां शराब बिक्री कर ठेकेदार कई घरों को बर्बाद जरूर कर रहे हैं। कार्यवाही के नाम पर केस बनाकर छोड दिया जाता है अवैध करोबार की बिक्री जस का तस चलता रहता है। कोतमा और पसान के आसपास के गांव जिसमें दारसागर, बदरा, सेमरिया चौराहा, बेलिया, मुरधोब रोड, रेउला, निगवानी, कोठी में अब तरीके से शराब की तस्करी कर युवा पीढ़ी को बर्बाद करने का कार्य कर रहे हैं वहीं अच्छी खासी जिला को राजस्व की हानि भी हो रही है।

किसकी शह पर बिक रही शराब

ग्राम पंचायतों में ठेकेदार के द्वारा वैध शराब बेचने का कोई प्रावधान नहीं है इसके बावजूद भी गांव गांव में खुले तौर पर शराब बिक्री पुलिस प्रशासन की शह पाकर खुले तौर पर बेचा जा रहा है। सबसे बडा सवालिया निशान है कि आखिर किसकी शह पर अवैध शराब की बिक्री खुले तौर पर हो रही है। ठेकेदार पुलिस को कमीशन देकर खुले आम शराब की पाइकारी करवाता है पर ना तो आबकारी विभाग और ना ही पुलिस विभाग किसी तरह की पैकरी पर कार्यवाही करती है,

शराब पीकर लूट पाट और मारपीट में उतारू शराबी

अवैध रूप से हाईवे के समीप स्थित ढाबा और गांव गांव में खुले अवैध रूप से शराब अहाते में आये दिन मार पीट जैसी घटना देखने की मिलती रहती है, जिसे देखने और सुनने वाला काई नहीं है। कई गांव ऐसे है जो संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से वहां शासन के द्वारा चैकी स्थापित की गई है उसके बाद भी यहां संवेदनशीलता पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है क्योंकि यहां आये दिन आपराधिक गतिविधियां कानों में सुनने को मिलती है। ऐसा ही एक नजारा शराब की अवैध बिक्री की वजह से हो रहा है। अवैध ठीहे से शराब खरीदकर आसपास के ग्रामीण पूरे ग्राम पंचायत में गंदा माहौल बना कर रखे हुये हैं एवं आये दिन किसी न किसी से बेवजह मारपीट कर ग्राम पंचायत के माहौल को गंदा कर रहे हैं। आये दिन की मारपीट से यहां की आवाम परेशान होकर अब उच्च अधिकारियों केे पास जाने की मंशा रखी हुई है।

सार्वजनिक स्थल बन चुका है मयखाना

कोतमा में नेशनल हाईवे के समीप शराब दुकान हो जाने अवैध रूप से ढाबा में अहाता के साथ-साथ खुले में शराब खेत व खुले मैदाने में पी जा रही है इसके बाद हाईवे में चलने वाले ट्रैकों से लूटपाट को अंजाम दिया जा रहा है। साथ ही गांव गांव शराब की बिक्री की वजह से जिस गांव में अवैध शराब की बिक्री हो रही है वहां के सार्वजनिक स्थल मयखाने में तबदील हो चुके हैं, चाहे वह खेल मैदान या फिर बाजार परिसर शराबियों का मयखाना बना हुआ है। शाम ढलते ही बाजार एवं खेल मैदान परिसर में शराबी अवैध शराब अहाते से शराब खरीदकर अपने मन पंसदीदा जगहों पर ठिकाना बनाकर शराब पीते हैं जिससे यहां का माहौल खराब कर रहे हैं।

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