मल्हार पान्डेय परिवार द्वारा स्व.श्री रामवल्लभ पान्डेय की स्मृति में 28नवंबर से 3दिसंबर तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन



वृंदावनधाम मथुरा उ.प्र. के कथावाचक श्री हेमंत पान्डेय जी श्रीहरि के विभिन्न लीलाओं की कथा का श्रवण कराऐंगे

समाज जागरण संवाददाता विवेक देशमुख

मल्हार। नगर के प्रतिष्ठित पान्डेय परिवार द्वारा स्व रामवल्लभ पान्डेय की स्मृति में अपने पान्डेय निवास में 28नवम्बर से 3दिसंबर तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया है।जिसमें कथावाचक वृन्दावन धाम मथुरा उ.प्र.के श्री हेमंत पान्डेय जी होंगे, जो भगवान श्रीहरि के विभिन्न लीलाओं की कथा का श्रवण कराऐंगे।
नगर पंचायत मल्हार के प्रतिष्ठित पान्डेय परिवार के राजेश पान्डेय, सुशील पान्डेय, विमल पान्डेय के पिता स्व. रामवल्लभ पान्डेय जिनके याद में आयोजन किया गया है।28 नवंबर से प्रारंभ होने वाले श्रीमद्भागवत कथा का शुरुआत कलश शोभायात्रा के साथ नगर भ्रमण व विधिवत पूजा अर्चना के साथ किया गया।
कथा श्रवण प्रतिदिन दोपहर 2बजे से प्रभु इच्छा तक भक्तगण कर सकेंगे।श्रीमद्भागवत कथा का उत्सव स्वयं को जानने और मन के सारे संतापों को दूर करने का सुअवसर है।
इसे श्रीमद्भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। यह जगत के पालक श्री विष्णुजी के धरती पर लिए गए 24 अवतारों के साथ उस दौरान उनके जीवन की कथा का भावपूर्ण वर्णन है। 12 खंडों के ग्रंथ में 335 अध्याय तथा 18 हजार श्लोक हैं। जिसके 10वें अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन सार कुछ इस प्रकार वर्णित है कि यह समस्त प्राणियों के लिए सांसारिक जीवन जीते हुए ज्ञान तथा मुक्ति का मार्ग दिखाता है। श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है तथा आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है।
भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पितरों की शांति के लिए इसे हर किसी को आयोजित कराना चाहिए। इसके अलावा रोग- शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए भी इसका आयोजन किया जाता है।
श्रीमद्भागवत कथा जीवन- चक्र से जुड़े प्राणियों को उनकी वास्तविक पहचान करता है, आत्मा को अपने स्वयं की अनुभूति से जोड़ता हैं तथा सांसारिक दुख, लोभ- मोह- क्षुधा जैसी तमाम प्रकार की भावनाओं के बंधन से मुक्त करते हुए नश्वर ईश्वर तथा उसी का एक अंश आत्मा से साक्षात्कार कराता है।

जिसका श्रवण मानव जाति के लिए सर्वोत्तम है। श्रीमद भागवत कथा आयोजक पान्डेय परिवार मल्हार द्वारा क्षेत्र के समस्त जनों, धर्मप्रेमी व श्रद्धालुओं को अधिकाधिक संख्या में उक्त कथा में शामिल हो पुण्य लाभ लेने आमंत्रित किया गया है।