मिथिला राज्य को लेकर किया प्रदर्शन


जयनगर मधुबनी नित्यानंद झा राजू 23 अप्रैल
 मिथिला क्षेत्र के विकास के लिए अलग मिथिला राज्य की मांग को लेकर मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में मधुबनी जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष विशाल धरना-प्रदर्शन किया गया। धरनास्थल पर एक सभा हुई । अध्यक्षता साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध साहित्यकार डाॅ कमलकांत झा ने की। मंच संचालन सचिव राजीव कुमार ने किया। सभा को संबोधित करते हुए मिथिला राज्य संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ राम मोहन झा ने कहा कि मिथिला क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए अलग मिथिला राज्य का निर्माण अतिआवश्यक है इसके लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। आजादी के पश्चात यहाँ की सबसे बड़ी समस्या बाढ, सुखाड, बेरोजगारी, पलायन रहा है। डाॅ झा ने कहा कि जब भाषाई आधार पर राज्यों का गठन किया तब भी मैथिलीभाषी क्षेत्र मिथिला की उपेक्षा की गई। 
सभा अध्यक्ष डाॅ कमलकांत झा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान की धारा तीन के अंतर्गत  भारत में मिथिला राज्य का निर्माण किया जा सकता है। मिथिला प्रदेश का प्राचीन राज्य आज  और आंशिक रूप से झारखंड एवं पश्चिम बंगाल में फैला हुआ है। हमारे मिथिला/तिरहुत क्षेत्र को 1774 में तत्कालीन दरभंगा के शासकों के विरोध के वाबजूद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा पटना के अधीन कर दिया गया था जिसका विरोध सन 1800 में सम्राट शाह आलम द्वितीय  ने भी किया था। मिथिला तिरहुत को बंगाल प्रेसीडेंसी और 1912 से बिहार और उड़ीसा के भीतर रखा गया जिसमें से उड़ीसा और झारखंड आज एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में हैं। लेकिन भारत की सबसे प्राचीन सांस्कृतिक रूप से समृद्ध मिथिला क्षेत्र को एक अलग राज्य के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया। डाॅ झा ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया से आग्रह किया कि भारत। डाॅ झा ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया से आग्रह किया कि भारत सरकार को निर्देश दें कि मिथिला राज्य के निर्माण के लिए  संविधान की धारा तीन के अंतर्गत संसद में विधेयक लाये। सचिव राजीव कुमार ने कहा कि मिथिला राज्य की लड़ाई जमीन पर लडने की आवश्यकता है। 
सभा को संबोधित करने वाले अन्य प्रमुख लोगों में प्रवक्ता प्रो ज्योति रमण झा, डाॅ सुरेश राम, भरत यादव, डाॅ शुभ कुमार वर्णवाल, नारायण यादव, विकास फूल, प्रो नवोनाथ झा, प्रो शैलेन्द्र कुमार,  संगीता कुमारी, पूजा कुमारी, सीमा कुमारी, स्वाति कुमारी, शीतल कुमारी सहित अन्य कई लोग शामिल थे।
धरना प्रदर्शन समाप्ति के पश्चात राष्ट्रपति महोदया के नाम से प्रेषित ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय को सौंपा गया।