नोएडा मे पंचर वालों का नया परपंच, मजबूरी का उठाते है नाजायज फायदा।

समाज जागरण डेस्क

नोएडा मे सड़क किनारे लगे पंचर की दुकान और उसका नया परपंच। जब किसी के टायर मे हवा कम होता है तभी लोग हवा डलवाने के लिए रुकते है। जैसे ही बोला जाता है कि हवा डाल दो पहले मना कर देते है। अगर हवा डालने के लिए मान भी जाय तो कहते है नलकि खराब है इसे बदलवा लो। अगर मना कर दिया तो हवा भरने के बजाय और हवा निकालकर छोड़ देते है ताकि लोग परेशान हो और नलकि बदलने के नाम पर परेशान व्यक्ति से लुटा जाय। एक नलकि बदले के लिए 150 से 200 रुपये तक चार्ज करते है। जबकि नलकि की रेट अगर आप अमेजन पर भी देखेंगे तो 449 मे 12 पीस है। यानि एक पड़ता है 37 रुपये की चालीस मान लेते है। यानि कि 40 रुपये की नलकि और लगाने की 160 रुपये चार्ज करते है।

दूसरा परपंच हवा कम देखते है बोलेंगे टायर पंचर है। जबकि गाड़ी वाले यानि मोटरसाइकिल सवार कहता है कि यह पंचर नही है बल्कि धीरे धीरे हवा निकला है या कम हुआ है। बड़े विश्वास के साथ यकीन दिलाते है नही यह पंचर है। गाड़ी वाले कहता है चेक कर लो। टायर को चेक करने के लिए सुआदार पेचकश साथ मे लेकर आते है अगर गाड़ी वाले मुस्तैद दिखा तो ठीक है नही तो सुआदार पेचकश से पंचर करते है वह भी एक नही कई। फिर कहते है पंचर है ट्यूब बदलवा लो। अगर ट्यूब ही बदलवाना होता तो ट्यूब लेस टायर क्यो लेता। लोग मना कर देते है।

अब बात आती है पंचर बनाने के तो आपको याद होगा कि जब ट्यूबा वाले टायर होते थे और पूरे टायर खोलकर पंचर बनाने पड़ते थे उस समय 20 रुपये लगते थे अगर आज से 10-15 साल पहले की बात करे। जाहिर सी बात है उसमे ज्यादा मेहनत होता था। लेकिन जब से ट्यूब लेस टायर आये है पंचर बनाना भी आसान हो गया है। लेकिन अब ट्यूब लेस टायर के पंचर बनाने की चार्ज है 50-100 रुपये। जिसमे सिर्फ 5 रुपये के स्ट्रीप लगते है। हवा तो एक पंचर से ही निकला था लेकिन बना तीन पंचर क्योंकि दो पंचर पेचकश के माध्यम से बना दिए जाते है। यानि की 150 रुपये के जुगाड़ सिर्फ 15 रुपये के स्ट्रीप मे।

आम तौर पर मोटरसाइकिल पर चलने वाले लोग गरीब या मध्यम परिवार से आते है। कई बार उनके जेब मे इतने भी नही होते है और कोशिश करते है कि हवा भरवा लेते हे गतंव्य तक पहुँच जायेंगे कैसे भी लेकिन पंचर वाले हवा भरने से मना कर देते है। जरा सी आपने कुछ बोला तो बदतमीजी के नाम पर गाली भी आपको सुनने पड़ सकते है। जाहिर सी बात है आपने अगर जबाब दिया तो दो चार वही पर लेटा बैठा रहता है चाचा ताव के आपको मार भी पड़ सकते है। इसलिए ज्यादातर लोग चुप-चाप निकल लेते है या फिर इनके मनमानी के शिकार होते है।

दूसरी तरफ इनके कंप्रेशर चलाने के लिए बिजली फ्री मिलते है जो कि किसी बिजली वाले कि मेहरबानी से। इनको जगह फ्री मिलते है पुलिस वाले और प्राधिकरण वालों की मेहरबानी से। कई बार तो दुकान पर नाबालिग लोग ही होते है जिसको आप कुछ बोल भी नही सकते है।

सवाल उठता है कि आखिर क्यो नही नोएडा प्राधिकरण वाले रजिस्टर्ड वेंडर जो मोटरसाइकिल मैकेनिक के काम करते है उनको जगह देकर रोजगार शुरु करवाते है। जिससे प्राधिकरण के ऊपर वेंडिंग जोन बनाने के बोझ भी कम हो और लोग भी सुरक्षित महसूस करे। गाड़ी सवार के साथ मे मजबूरी का फायदा उठाकर लूट न हो। पुलिश प्रशासन को भी चाहिए कि इनके मनमर्जी और बदतमीजी पर लगाम लगाए। ताजा घटना नोएडा सेक्टर 98 मॉल के पास की है। इससे पहले नोएडा सेक्टर 47 और सेक्टर 100 के पास लगने वाली पंचर के दुकान के बारे मे भी टवीटर के माध्यम से पुलिस को जानकारी दी गई थी लेकिन कोई संज्ञान नही लिया गया।

ऐसा नही कि सभी है कुछ अच्छे भी है। लेकिन पंचर को लेकर परपंच रचने वाले सभी पंचरवालों का हकीकत समाज जागरण आपको ऐसे बताता रहेगा।

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