खरीद कर घटिया माल अफसर हो रहे मालामाल

-माहों से बिल न पाने को लेकर काट रहे आफिस का चक्कर पे चक्कर
फोटो
धनपुरी। एसईसीएल सोहागपुर कोयलांचल की कोयला खदानों से भले ही सिर्फ कोयला निकलता है मगर इन्हे संचालित करने वाले कंपनी के कई विभाग तरह तरह की कीमती चीजें और आमदनी के नए स्रोत खोज ही लेते हैं। ऐसा ही एक जरिया है एरिया सहित कालरी के विभिन्न यूनिट में लोकल पर्चेज के नाम पर ब्रांडेड कंपनी की जगह नॉन ब्रांडेड के कलपुर्जों के चलते आए दिन मशीनें ब्रेक डाउन बनी रहती है। कल पुर्जों की जांच पड़ताल करने वाला कोई नहीं।

अनजान प्रबंधन?

लोकल परचेज से सोहागपुर एरिया के विभिन्न माइंस के ईएण्डम विभाग के इंजीनियरिंग एवं मैकेनिकल विभागों में हर महीने लाखों का ब्यारा नारा होने की खुलेआम जन चर्चा रहती है, मगर पता नहीं क्यों प्रबंधन के कानो तक ऐसी संवेदनशील बात नहीं पहुंचती एरिया में चर्चा है की लोकल परचेज के नाम पर उक्त ईएण्डम विभाग मे गड़बड़ी होने की शिकायत पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। समय पर वीलिंग का भुगतान भी नहीं होता जिससे ऑफिस का चक्कर काटने को मजबूर हैं।

हर विभाग में खेल

बताया जाता है कि अमलाई ओसीएम मे कई तरह के हालपैक डोजर बडे मशीनो के समान जो अधिकृत एजेंसी से ही खरीदे जाने चाहिए जानबूझ कर तत्कालिक अर्जेंट के नाम पर नोटशीट चलाकर लोकल परचेस के सस्ते खरीद फरोक्त कर ली जाती है। मशीनों में ब्रेकडाउन का रोना बना रहता है। जन चर्चा इतनी आम है कि सहसा विश्वास ही नहीं होता मगर बताने वाले सूत्र नाम ना छापने के सर्त पर बताते हैं कि मशीनों में लगने वाले पार्ट्स कब लगाया गया था और कितने दिनों के बाद खराब हुआ कोई देखने सुनने वाला नहीं लंबा चौड़ा बिल बनाकर कंपनी को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। लोकल परचेज की असली कामधेनु है। ईएण्डम विभाग, के पांचों उंगलियां घी में है।

अधिकारी के चक्कर काट रहे

खदानों में निजी वाहन मलिक टेंडर के अनुसार परिवहन खदानों में लगा दी गई है लेकिन बिल के लिए परेशान होते हैं। पहले हर माह समय पर बिल मिल जाता था लेकिन जब से ईएण्डम में नए अधिकारी आने के बाद से लोगो का बिल चार-चार माह का रुका हुआ है पूछे जाने पर सही जवाब नहीं मिलता जिससे वाहन संचालक बिल को लेकर अधिकारी के आगे पीछे चक्कर काट रहा है। उनके पास डीजल भराने पैसा नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *