आदिवासी सुनील त्रिपाठी/ दैनिक समाज जागरण
चोपन/ सोनभद्र। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर गुरुवार को ब्लॉक सभागार चोपन में सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी द्वारा एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि ओबरा रमेश यादव और विशिष्ट अतिथि शम्भू सिंह गौड़ तथा राम विलास साहनी रहे। इस अवसर पर संगठन के कार्यकर्ताओं और सदस्यों ने सोनभद्र क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की हवा, पानी और मिट्टी को प्राकृतिक रूप से शुद्ध रखने के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के नियमों और आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। गोष्ठी में बताया गया कि चकाड़ी और गुड्डूर क्षेत्रों में रेणुका नदी में खुलेआम राखड़ फेंका जा रहा है, जिससे नदी प्रदूषित हो रही है। इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई। कार्यकर्ताओं ने यह भी मांग की कि सोन नदी के दक्षिणी क्षेत्रों के गांवों में हैंडपंपों के जल की गुणवत्ता तथा स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य की जांच किसी विश्वसनीय एजेंसी से कराई जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि लोग किस कारण बीमार हो रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि NGT द्वारा 29 अगस्त 2018 को दिए गए आदेश के तहत सोनभद्र में एक टॉक्सिकोलॉजिकल लैब की स्थापना की जानी थी, परंतु अब तक इसका निर्माण नहीं हो सका है। वाहिनी ने मांग की कि इस आदेश का तत्काल अनुपालन करते हुए प्रयोगशाला की स्थापना की जाए, जिससे हवा, पानी, मिट्टी के साथ-साथ मनुष्य, पशु और वनस्पति की वैज्ञानिक जांच संभव हो सके। गोष्ठी में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उमेश चौबे ने किया। इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक रामेश्वर प्रसाद, नंदकुमार सिंह, रामरक्षा सिंह, अशर्फी यादव, रुपशाह बैगा, संदीप भास्कर, अनीता, राजबली गौड़, विश्वनाथ, सीमा देवी, बसंती देवी, बंधु प्रसाद, प्रभुनाथ खरवार, सुरेंद्र पनिका, प्रियंका देवी, रामपति, प्रदीप कुमार, प्रभुनाथ खरवार इत्यादि लोग उपस्थित रहे।