भुनेश्वर कुमार महातो, संवाददाता – समाज जागरण
बेरमो/ डुमरी : डुमरी विधानसभा के डुमरी थाना क्षेत्र के भरखर निवाशी पोखी महतो के पुत्र अनिल महतो (33) का शव मुंबई से जैसे ही पैतृक आवास भरखर गांव पहुँचा तो परिजनों के हृदय विदारक चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। मृतक अनिल महतो का शव जैसे ही उनके घर पहुंचा तो “क्या बूढ़े, क्या नौजवान एका-एक उसके घर के तरफ दौड़ पड़े। अनिल की पत्नी प्रमिला देवी और उनके माता, पिता का रोते-रोते बुरा हाल हो चुका हैं। वे लगातार अचेत हो जा रही हैं। जिनको आस-पास के महिलाओं द्वारा सम्भाला जा रहा हैं, लेकिन उनकी पत्नी प्रमिला देवी पति खोने के गम में वह किसी की नही सुन रही हैं, उनके एक ही शब्द सभी को रुला दे रहे हैं कि हम केकर बिगाडले रहनी हा,अब हमनी के केकरा सहारे रहब।


उसकी पत्नी और माँ की यह कह कर दहाड़ मार रही थी। पत्नी, पुत्र, पुत्री और माँ, पिता की बिलाप सुन कर उपस्थित लोग भी अपने-अपने आंसू को नही रोक पाए, मिली जानकारी के मुताबिक अनिल महतो की तबीयत अचानक 02 नवम्बर को बिगड़ गयी। जिससे नजदीकी अस्पताल मे भर्ती कराया गया जहा चिकितस्को ने मृत घोषित कर दिया। जिनका मोसमार्डम 03 नवम्बर को किया गया। और 4 नवम्बर को मुम्बई से रांची फ्लाईट से शव को घर भेजा गया। मृतक अपने पीछे पत्नी प्रमिला देवी , बेटी लक्ष्मी कुमारी (10), बेटा अनुज कुमार (03) सहित पिता और माँ छोड़ गया। मृतक का परिवार बेहद गरीब है। अनिल महतो के मौत की खबर सुनकर आदर्श श्रमिक एकता समाजिक संस्था के सदस्यों तथा अन्य प्रवासी मजदूर इकट्ठा हुए और इस घटना को मुआवजा दिलाने के लिए सभी लोग एक साथ मृतक के मालिक से मिले और आपसी सहमति से मालिक की तरफ से टोटल 4,20000 /- (चार लाख बीस हजार) मुवाजे देने की बात बनी। जिसमे 1,20000/- (एक लाख बिस हज़ार) श्रद्धांक्रम और 3,00000 (तीन लाख) बच्चे के नाम पर फिक्स व पांच महीने तक 5,000/- (पांच हज़ार) रुपए देने पर सहमती बनी है । वही प्रवासी मजदूरों के हितार्थ मे कार्य कर रहे सह समाजसेवी भुनेश्वर कुमार महातो ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड के प्रवासी मजदूरों का मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई प्रवासी मजदूरों की मौतें देश एवं विदेशों में हो चुकी है. प्रवासी मजदूरों के साथ किसी तरह का हादसा व किसी तरह का समस्या आती है, तो झारखंड के विधायक, सांसद व मंत्री किसी तरह की मदद नहीं करते हैं. मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। वही आदर्श श्रमिक एकता समाजिक संस्था के संस्थापक हेमंत कुमार महतो, प्रमोद महतो ,राजू पटेल ,परमेश्वर महतो, कालेश्वर महतो ,रूपलाल महतो ,अनिल कुमार महतो ,महेंद्र महतो , जगलाल महतो , जगदीश महतो इत्यादि कई मजदूरों ने मुवाजे दिलाने व शर् को गाँव भेजने में पहल किया है।




