किशनगंज।
जिले की 27 साल की जांबाज श्रृष्टि नखत ने विश्व की पांचवीं सबसे ऊँची चोटी माउन्ट मकालू के बेस कैंप तक पहुँचकर जिले का नाम रोशन किया है। श्रृष्टि किशनगंज की पहली ऐसी बेटी है जिसने माउन्ट मकालू के बेस कैंप 5000 मीटर तक का सफर पूरा किया। श्रृष्टि की इस उपलब्धि पर हर कोई फक्र कर रहा है।
अपने ग्रुप के साथ 13 दिनों की इस यात्रा के बाद वापस आई श्रृष्टि के हौसले की लोग तारीफ कर रहे हैं। कोलकता में रहने वाली श्रृष्टि ने अपने रिश्तेदारों से मकालु के प्रोग्राम के बारे में सुना तो उसकी भी इच्छा हुई और अपने मामा विपुल ललवानी और मौसी बिनीता भुतेरिया से मिले होसले के बाद पहली बार किसी पहाड़ी चोटी पर चढने का कार्यक्रम बना लिया और पहले
प्रयास में ही विश्व की पांचवी सबसे ऊँची चोटी के बेस कैंप तक सफलता पूर्वक पहुँच गई। श्रृष्टि ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि अपने तेरह दिनों के इस ट्रिप के पहले दिन काफी मुश्किल हुई लेकिन दूसरे दिन से इस ट्रिप में मजा आने लगा। एक दिन लेंडसलाईड वाले इलाके से गुजरने के दौरान वह ऊँची पहाडियों से फिसलते-फिसलते भी बची, लेकिन अपने साथ चल रहे साथियों के हौंसले ने इस पहाड़ पर उसे फतह हासिल करने में सफलता हासिल करवा दी।
इस यात्रा में लगभग 50 हजार सीढियों को चढ़ना, नदियों, सपाट पगडंडियों के साथ बरसाती दिनों में एक ही क्षेत्र में कई झरनों और भूस्खलनों को पार करना जैसे मीठे अनुभव के साथ हरे-भरे जंगल से गुजरते हुए बर्फ से ढके मकालू बेस कैंप का सफर एक अनोखा अनुभव रहा।