डॉक्टर सुनीता झा के असमय निधन से अनुदानित शिक्षकों में शोक की लहर

मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा परिसर में शोक सभा आयोजित कर शिक्षकों ने दी श्रद्धांजलि

मधेपुरा/डा. रूद्र किंकर वर्मा।

बीएन मंडल यूनिवर्सिटी स्थित युभीके कॉलेज कड़ामा के गृह विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर सुनीता झा के असमय निधन से अनुदानित शिक्षक काफी आहत हैँ। उनके आत्मा की शांति के लिए शुक्रवार को मधेपुरा कॉलेज परिसर में शिक्षकों तथा कर्मियों के द्वारा शोक सभा का आयोजन किया गया जिसमें दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। शोक सभा के बाद श्रीमती झा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मधेपुरा कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पूनम कुमारी ने कहा की डॉक्टर सुनीता उनके बहुत अच्छे दोस्त थे। वे एक विनोद प्रिय, समझदार तथा सुलझी हुई गृहणी थी। इसके साथ ही उन्हे अपने विषय का गहरा ज्ञान था जिससे कॉलेज के बच्चियों को काफी लाभ मिलता था। उनके निधन ने हमें तोड़ दिया है। मधेपुरा कॉलेज के संस्थापक सह श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, उदा किशुनगंज के माननीय कुलपति ने कहा कि डॉक्टर सुनीता झा मात्र शिक्षाविद समाजसेविका ही नहीं थी वरन पिछड़े समाज का शैक्षणिक उन्नयन कैसे हो इसके लिए हमेशा चिंतन किया करती थी उसी के चिंतन का फल है कि उदाकिशुनगंज जैसे पिछड़े इलाकों में सर्वप्रथम यु भी के कॉलेज कड़ामा आलमनगर की स्थापना हालांकि उन्हें विरासत में यह पवित्र विचार पिता स्वर्गीय पंडित विश्वनाथ आचार्य जी से प्राप्त हुई है। पुनः यूभीके इंटर कॉलेज की स्थापना, श्री कृष्णा इवनिंग कॉलेज की स्थापना, विधि महाविद्यालय की स्थापना का प्रयास श्री कृष्णा विश्वविद्यालय की स्थापना में प्रथम महिला संस्थापक सदस्य का गौरव प्राप्त करना गरीब एवं असहाय के साथ-साथ आम लोगों के लिए चिकित्सालय की स्थापना बेरोजगारों के लिए विभिन्न तरह के रोजगार इकाई की स्थापना साबित करता है कि उनकी जिंदगी आम आवाम के लिए थी।
मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा के उप प्रधानाचार्य डॉक्टर भगवान कुमार मिश्रा एवं डिग्री कॉलेज सुपौल के बॉटनी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर सुरेंद्र कुमार तथा अनुदानित कॉलेज शिक्षक तथा शिक्षेतर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज भटनागर शोक व्यक्त करते हुए कहा की डॉक्टर सुनीता झा के असमय निधन ने हमें झकझोर कर रख दिया है। वे एक बेहतर शिक्षिका के साथ साथ नारी सशक्तिकरण का अद्भुत मिशाल थी। कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी तक के स्थापना में उन्होंने अपने पति सह प्राचार्य डॉक्टर माधवेन्द्र बाबू के पीछे साये की तरह खड़ा रही। हम उनके इस योगदान को कदापि नही भुला सकते। हम भगवान से प्रार्थना करते हैँ कि ऐसे महान आत्मा को अपने श्रीचरणों में जगह दें। शोक सभा में प्रोफेसर सच्चिदानंद सचिव अभय कुमार गजेंद्र नारायण यादव प्रोफेसर बृजेश कुमार मंडल बृजेश कुमार रणधीर कुमार अरुण कुमार अमल किशोर यादव तरुण कुमार रंजीत कुमार नीरज जोगिंदर मौजूद थे।