लखीसरायशुक्रवार को मंत्रणा सभागार में जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने आईसीडीएस के कार्यों की समीक्षा सम्बन्धित सीडीपीओ के साथ की।आईसीडीएस के योजनाओं में गुणात्मक सुधार लाने के लिए धरातल स्तर पर जाकर गहन समीक्षा की गयी। आॅगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित रूप से निरीक्षण एक महत्वपूर्ण कार्य है। जिससे की संबंधित पोषण क्षेत्र के महिलाओं एवं बच्चों का समेकित माॅनिटेरिंग की जाए। । निरीक्षण बिन्दु पर जिला पदाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया कि सभी सीडीपीओ प्रत्येक माह कम से कम 25 केन्द्रों का निरीक्षण करेंगे तथा निरीक्षण प्रतिवेदन को ऑनलाइन अपलोड करे। इसके अतिरिक्त गोद भराई 7वीं तारीख को और अन्नप्राशन 19वीं तारीख को निर्धारित तिथि पर करने तथा इसका ब्यौरा पोषण ट्रैकर अपलोड का भी निदेश दिया गया। संबंधित पोषण क्षेत्र का लाभार्थियों का सूची पूर्व से ही संधारित कर ले। एक अन्य महत्वपूर्ण निदेश देते हुए उन्होंने कहा कि आॅगनबाड़ी केन्द्रों के सभी कुपोषित बच्चों का डाटाबेस विहित प्रपत्र में तैयार करे। कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र सदर अस्पताल में पहुँचाना सभी सीडीपीओ की जवाबदेही है। कुपोषित बच्चों का पोषण प्रगति एनआरसी में अनुकूल डाइट के साथ किया जाता है। जहां मानदेय भी लाभार्थी को दिया जाता है। निदेश देते हुए कहा गया कि व्यक्तिगत रूचि लेकर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में उपचार हेतु भेजवाये।सभी महिला पर्यवेक्षिका एन आर सी केंद्र पर विजिट कर सत्यापन करेंगे।मानदेय के बिंदु पर अद्यतन भुगतान करने का निदेश दिया गया।एन आर सी में निर्धारित 20 बेड को अतिकुपोषित बच्चे से आच्छादित करने का निदेश दिया गया। सभी आॅगनबाड़ी केन्द्रों पर प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को वीएचएसएनडी दिवस के दिन किशोरियों एवं महिलाओं को स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण के संबंध में जानकारी दी जाती है। सभी बच्चों को समय समय पर कीड़े की गोली, एलवेंडा जोन तथा महिलाओं को आयरन की गोली वितरित करने का निदेश पूर्व से है। जिसका अक्षरशः अनुपालन करने का निदेश दिया गया तथा वितरण प्रतिवेदन की भी मांग की गयी। अपने अपने पोषण केंद्र पर विशेष कर दलित, महादलित टोलों में परिवार नियोजन तथा आईसीडीएस की तमाम लाभकारी एवं स्वास्थ्य प्रद योजनाओं को शत प्रतिशत पंचायतवार आच्छादित करने का निदेश दिया गया। सभी आॅगनबाड़ी केन्द्र में स्पष्ट रूप से भोजन मैनू बोर्ड प्रदर्शित होना चाहिए। साथ ही वेट मशीन क्रियान्वित रहनी चाहिए। बच्चों का सर्वेक्षण कर निबंधन को अद्यतन रखने का निदेश दिया गया।सभी सीडीपीओ क जिला पदाधिकारी ने उन्हें निरीक्षण प्रपत्र में विभागीय निर्देशानुसार के आलोक में करने का निदेश दिया। केंद्र का समयावधि, बच्चों का ड्रेस साप्ताहिक मैनू प्रदर्शन, समय पर सेविका/सहायिका की उपस्थिति, पोषण ट्रेकर पर कार्यो को उपलोडकरने का nides दिया गया। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत जन्म के बाद 2000/-रुपये का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। ये परिवार के प्रथम दो कन्या को लाभ दिया जाता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत प्रथम बार गर्भवती महिलाओं को 5000/-रुपये तीन किस्तों में दिया जाता है। प्रथम किस्त 1000/-रुपये (गर्भावस्था के पंजीकरण के समय), दूसरी किस्त 2000/-रुपये (6 माह की गर्भावस्था के बाद), तीसरी किस्त 2000/-रुपये (जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को टीके लगने के बाद)। मुंगेर जिला अन्तर्गत 10 परियोजना में कुल 1598 केन्द्र है।