ग्राम चौपाल में सुनी गई ग्रामीणों की समस्या, अनुपस्थित रहे कई विभागों के जिम्मेदार

ग्राम चौपाल लगाकर गांवों में ही ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण का शासन का महत्वाकांक्षी प्रयास भेटुआ में फलीभूत होता नहीं दिख रहा
भेटुआ में ग्राम चौपाल के दौरान शासन के निर्देशों के बावजूद कई विभागों के प्रतिनिधि चौपाल से किनारा करते ही दिखाई दे रहे हैं जिससे ग्रामीणों की समस्या का निराकरण उस तेजी से नहीं हो पा रहा जिसके लिए सरकार ने प्रत्येक शुक्रवार ग्राम पंचायतों में चौपाल लगाने की प्रशासन को हिदायत दी है
शुक्रवार भेटुआ की दो ग्राम पंचायतों ( मड़ेरिका,कुड़वा) में ग्राम चौपाल के दौरान राजस्व,पुलिस,विद्युत,कृषि,स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी,शिक्षा आदि विभागों से किसी भी प्रतिनिधि का शामिल न होना इस बात को पुष्ट करता नजर आया कि भेटुआ में प्रशासन आम जनता की समस्याओं के निराकरण हेतु प्रतिबद्ध शासन की मंशा को पलीता लगाने में जुटा है
आलम यह रहा कि मड़ेरिका में ग्राम चौपाल के दौरान जहाँ नोडल अधिकारी के रूप में लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता हरिओम मौर्य, पंचायत सचिव मनीष कुमार श्रीवास्तव तथा महिला बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से केवल आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां ही उपस्थित रहीं वहीं कुड़वा में भी ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने के लिए नोडल अधिकारी एडीओ आइएसबी दिग्विजय सिंह और पंचायत सचिव प्रेमचंद्र कनौजिया ही मौजूद रहे
हालांकि इस दौरान मड़ेरिका में जहाँ दस शिकायतों में से चार का मौके पर ही निस्तारण करा दो महिलाओं की गोद भराई और एक बच्चे का अन्नप्राशन कराया गया वही ं कुड़वा में भी एक बच्चे का अन्नप्राशन तथा एक महिला की गोद भराई के साथ नोडल अधिकारी ने पांच में से तीन शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया|