“आरोप” का आधार या निराधार ? रेहड़ी पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन का प्राधिकरण पर बड़ा आरोप !

नोएडा समाज जागरण डेस्क

नोएडा प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए रेहड़ी पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन ने देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, शहरी विकास मंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, जिलाधिकारी गौतमबुधनगर, सिटी मजिस्ट्रेट, नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं नोएडा प्राधिकरण के सीओं के नाम नोएडा सिटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन दिया है। जिसमे सीधे सीधे नोएडा प्राधिकरण एवं नोएडा पुलिस को पर आरोप लगा गए है। ज्ञापन में 13 सूत्री मांग तथा सुझाव शामिल किए गए है जिसमें सबसे बड़ा आरोप है कि

नोएडा प्राधिकरण द्वारा अपने एम्पलाइज, रेस्टोरेंट मालिकों एवं प्राइवेट कंपनियों में कार्य करने वालों को वेंडिंग ज़ोन प्रमाण पत्र दिया गया है और इस बात की जानकारी नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों, स्थानीय थाना पुलिस को भी है | इसके बावजूद भी नोएडा में वेंडिंग माफिया फल फूल रहा है और गरीब ठेली पटरी वालों को परेशान किया जा रहा है। वेंडिंग जोन से सुविधा शुल्क लेने के बाद भी नोएडा प्राधिकरण वेंडर को मूल भूत सुविधा देने में उपलब्ध नही करा पा रही है। जबकि नोएडा प्राधिकरण को इन्ही वेंडरों से करोड़ो रुपये मासिक प्राप्त होते है। जो कि सुविधा शुल्क और मेंटेेनेंस के नाम पर लिए जाते है।

नोएडा प्राधिकरण से मिले जानकारी के अनुसार प्राधिकरण ने अभी तक 4936 वेंडर को वेंडिंग प्रमाण पत्र जारी किया है। आखिर वह लोग कार्या कहाँ करते है और वह लाइसेंस किसके पास में है। ज्ञापन मे मांग की गई है कि वेंडर का पुन: सत्यापन स्थानीय पुलिस तथा रेहड़ी पटरी का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्थाओं के द्वारा करवायी जाय। नोएडा प्राधिकरण के द्वारा अभी तक थाना तथा किसी भी नजदीकी पुलिस स्टेशन, चौकी को वेंडर की सूची नही सौपा गया है। जबकि 14-05-2021 को अपर सचिव रजनीश दुबे ने पत्र लिखकर निदेशक स्थानीय निकाय, निदेशालय लखनऊ उत्तर प्रदेश, निदेशक, सूडा, उत्तर प्रदेश, समस्त जिलाधिकारी उत्तर प्रदेश, समस्त नगर आयुक्त, नगर निगम उत्तर प्रदेश को निर्देशित किया है कि स्थानीय पुलिस को वेंडर की लिस्ट सौपी जाय जो उस क्षेत्र मे कार्यरत है। ताकि आए दिन अवैध तरीके लगने वाली ठेली पटरी से छुटकारा पाया जा सके। लेकिन जिला गौतमबुद्धनगर के 32 थानों से प्राप्त लिखित पत्र से साफ है कि नोएडा प्राधिकरण ने इस पत्र को साफ तोर पर अनदेखी कर दी गई है।

इसके अलावा पत्र में कई मांग भी शामिल है। जिसमें नोएडा इलेक्ट्रानिक सिटी मेट्रो स्टेशन एव नोएडा सेक्टर 62 मेट्रो पर ई – रिक्शा स्टेंड के साथ वेंडिंग ज़ोन निर्माण । वेंडिंग जोन मे लाइसेंसी वेंडर के साथ ही अवैध वेंडर जो भी कार्य कर रहा है जिससे वैध वेंडर को नुकसान हो रहा है ऐसे वेंडर को हटाया जाय। अगर ऐसे ही वेंडर बिना लाइसेंस वाले भी काम करते रहेंगे तो फिर वेंडिंग जोन और वेंडिंग प्रमाण पत्र का क्या औचित्य रह जाता है। जिन लोगों को आवंटन किया गया है उनका नाम वेवसाइट पर उपलब्ध करायी जाय। नियम के अनुसार हर 5 वर्ष में पथ विक्रेताओं को कराना होता है जो कि नोएडा प्राधिकरण ने अभी तक नही कराया है। पुन: सर्वेक्षण करानाे की मांग की गई है।

हम सभी जानते है कि नोएडा या किसी भी शहर में रेहड़ी पटरी लगाने वाले ज्यादातर वो लोग होते है जिनके पास में और कोई रोजगार नही होता है या आर्थिक रूप से कमजोर होते है या वह लोग लोकल हो या फिर बाहरी। लेकिन अब इसमें भी लोकल के लिए आरक्षण कि मांग की गई है । मांग संख्या 11 पर उल्लेख किया गया है कि: नोएडा शहर में बनाए जा रहे वेंडिंग ज़ोन में लोकल किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करी जाएं शहर के मूल निवासियों को भी वेंडिंग ज़ोन स्कीम में शामिल करा जाएं अपने शहर में रोजगार का पहला हक उनका है |

बी ब्लॉक सेक्टर 62 नवादा गांव स्थित स्वाद रेस्टोरेंट एवं गुप्ता पराठा रेस्टोरेंट मालिक को वेंडिंग ज़ोन प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया गया जिसकी पूर्ण जानकारी नोएडा पुलिस, डी.एम कार्यालय, सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय, थाना 58 के थाना इंचार्ज, NIB पुलिस चौकी इंचार्ज, पी.सी.आर सभी जानते हैं कि यह किसका है लेकिन माफिया को संरक्षण भी पुलिस दे रही है पुलिस चौकी के पास ढाबे चल रहे हैं रेस्टोरेंट चल रहे हैं पुलिस सब जान रही है फिर भी इन्हें वेंडिंग जोन प्रमाण पत्र प्रदान कर दिए गए इसपर तत्काल संज्ञान लेते हुए लाइसेंस निरस्त करे जाएं व वैध वेंडर को ही कार्य करे दिए जाने की अनुमति दी जाएं |

ज्ञापन के अंत मे 30 दिवस में हमारी समस्या पर संज्ञान जिला अधिकारी, नोएडा प्रशासन की तरफ से नहीं लिया जाता है तो प्रधान मंत्री आवास या लखनऊ राजपाल भवन का घेराव बिना सूचना के होगा, क्यूंकी मुख्यमंत्री के समक्ष कई बार अपनी समस्या राखी गई कोई संज्ञान नहीं लिया गया |

नोएडा प्राधिकरण द्वारा बनाई गई ग्रीवान्स कमेटी के अध्यक्ष नोएडा प्राधिकरण के एमपलोई है जो प्राधिकरण का पक्ष ही आगे रखते है वेंडर से कहते है में तुम्हारा नौकर नहीं हूँ, जेल भेज दूंगा, व वेंडर के साथ बदसलूकी की जाती अपमानित करा जाता है

सवाल उठता है कि आरोप का आधार है या निराधार है? अगर बार बार इस प्रकार के आरोप लग रहे है और नोएडा प्राधिकरण चुप है इसका मतलब यह है कि इसका कुछ न कुछ आधार है। इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए और ठोस कार्यवाही होनी चाहिए। अगर यह आरोप निराधार है तो जो व्यक्ति माहौल को खराब करने का काम कर रहा है उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। अगर ऐसा नही होता है तो माना जाना चाहिए कि जो आरोप लगे है वह बिल्कुल सत्य है और उसमे योगी सरकार स्वयं संलिप्त है। अगर इस प्रकार के आरोप प्रत्यारोप पर कार्यवाही नही की जाती है तो निश्चित तौर पर योगी सरकार के खिलाफ एक पुख्ता मैसेज समाज को जायेगा। यह तो आने वाले समय ही बतायेगा कि योगी सरकार इस पर संज्ञान लेकर कार्यवाही के लिए निर्देशित करेगी या फिर ऐसे ही दूसरे ज्ञापन का इंतजार होगा।