भ्रष्टाचार का अनुठे नमूना है बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के भ्रष्टाचारी व जिला प्रशासन*

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*जिला पदाधिकारी पर लुटेरा वर्ग पड़ रहें हैं भारी, जाँच पर जाँच, जाँच रिपोर्टर में अनियमितताओं का खुलासा के बाबजूद भी वर्षो तक कार्रवाई नहीं*

अनिल कुमार मिश्र

औरंगाबाद ( बिहार) 09 जुलाई 2022:- जिले के नवीनगर प्रखंड़ का महुआंव पंचायत का जाँच हेतू सीएम से पीएम तक अनेको पत्राचार किया गया ,अनेको बार जाँच हुआ, मनरेगा में लूट का जारी खेल को जाँच पदाधिकारी ने उजागर किया और कहाँ मनरेगा में वैसे लोगों को जॉब कार्ड बनाया गया है जो अपने दलहीज से कभी बाहर नहीं जाते है और आज की प्रवेश में सुखी संपन्न ,पक्का मकान वाले , करोड़पति के समकक्ष है ।
जाँच पर जाँच होता रहा,एक जाँच पदाधिकारी दूसरे जाँच पदाधिकारी के जाँच प्रति वेदन का समर्थन करते हुए सरकारी योजनाओं ब्यापत लूट व अनियमितता से संबंधित जाँच प्रतिवेदन समर्पित किया, कार्रवाई की बात तो दूर रही, सरकार प्रायोजित योजनाओं के राशि का जारी लूट को आज तक रोकने का प्रयास तक भी नहीं किया गया. फलस्वरूप लूटेरे वर्ग का मनोबल बढ़ा हुआ है और सरेआम सरकार प्रायोजित योजनाओं की राशि को निर्वाधगति से लूटा जा रहा है ,जिसका ज्वलंत उदाहरण महुआंव पंचायत का वार्ड नम्बर-13 हैं, इस वार्ड़ में नल -जल योजना का किस तरह से सरकारी राशि को लूटा गया है इससे जिला पदाधिकारी भी अनभिज्ञ नहीं हैं।
ज्ञात हो कि जनशिकायत/सूत्रों के अनुसार जिला पदाधिकारी के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने महुआंव पंचायत एवं महुआंव पंचायत का वार्ड नम्बर-13 में जांच कर प्रतिवेदन भी जिला पदाधिकारी को प्रस्तुत किया है। पुरे बिहार में नल -जल योजना में ऐसा अनियमितता और लूट का अनूठा उदाहरण मिलेगा या नहीं यह तो कह पाना मुश्किल होगा किन्तू जिस तरहम महुआंव पंचायत का वार्ड नम्बर-13 में नल -जल की राशि को नीजी हित में लूट हुआ है ऐसा बिहार में नहीं हुआ होगा। महुआंव पंचायत का वार्ड नम्बर-13 में नल- जल योजना के समरसेबल पम्प से खेतों की सिंचाई और पटवन तथा मछली पालन हो रहा है। जो जाँच में जाँच दल ने भी देखा है।
तथ्य चाहें जो भी आखिर जिला पदाधिकारी सरकार प्रायोजित योजनाओं में लूट मचाने का मौका जाँच के नाम पर लगातार क्यों और कैसे देते आ रहे हैं यह लोगों की समझ से परे हो चुका है ।
महुआंव पंचायत के जनता ने शोशल मीड़़िया व समाचार पत्र के माध्यम से औरंगाबाद जिले के जिला पदाधिकारी को उपरोक्त प्रकरण की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए मामले की जांच पत्रकारों के उपस्थित में स्वयं करने तथा दोषी पर विधि सम्मत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराकर सरकारी राशि का वसूली सुनिश्चित कराने तथा घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने हेतू भ्रष्टाचारियों को समुचित सजा दिलाने की मांग किया है।