कुंदन प्रशाद,दैनिक समाज जागरण
कुशेश्वर स्थान पूर्वी आजादी के कई वर्ष बीत जानें के बाद भी कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड का भरडीहा गांव आज भी विकास से कोसों दूर हैं।यह इस गांव कि विडंबना हैं कि चुनाव के दौरान वोट मांगने आयें नेताजी तरह तरह के शब्ज़बाग दिखाकर वोट लेते रहें लेकिन इस गांव को फिर कभी मुड़कर नहीं देख पाये।
गांव के नदी में बने बांस के चचरी पुल पर पैदल पार कर वोट देने जाते है यहां के लोग , पर इस बार भरडीहा की पांच हजार आबादी के लोंगों ने एक स्वर मे कहा हैं कि पुल नही तो वोट नही ? कल आपने दस्तक 7 के रिपोर्ट मे पढ़ा कि आजादी के बाद इस गांव मे एक विद्यालय भवन नही बन पाया ठीक उसी तरह आजादी के बाद से आज तक गांव से सटे नदी में पुल नही बन पाया। जिससे यहां के ग्रामीणों में सरकार एवं सरकार के अधिकारियों के प्रति नाराजगी तो हैं ही आक्रोश भी उतना ही।
स्थानीय जानकर बताते है कि इस गांव को मानो राजनीति श्राप लगा हुआ है। यहां जितने भी सरकार के प्रतिनिधि बने है सब के सब स्थानीय रहे है। इसके बाबजूद इस गांव में एक पुल का भी निर्माण नही हो सका। इस गांव के लोग एक पुल के लिए आला अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का चक्कर लगा लगा कर थक चुके है ,पर इस गांव की समस्या को निपटाने के लिए किसी ने भी पहल नही की है।
बता दें कि विगत पांच वर्ष पूर्व इस गांव के लोग नाव से नदी पार कर प्राथमिक विद्यालय फकदौलिया में वोट करने जाते थे। इसके बाद गांव के लोगो ने इसका उपाय निकाला और गांव में चंदा कर लगभग 80 हजार की लागत से उस नदी में बांस के चचरी पुल का निर्माण किया। तब से प्रत्येक वर्ष इस गांव के लोग नदी में बांस का चचरी पुल का निर्माण करते आ रहे है। स्थानीय लोग बताते है कि जब सारा समस्या हम गांव के लोग खुद से ही निपट लेंगे तो सरकार चुनने की जरूरत ही क्या है। इसलिए गांव के लोग इस बार वोट नही देने का विचार विमर्श कर रहा है।
पुल और विद्यालय निर्माण को लेकर गांव के लोग आज शाम बैठक बुलाई है। बैठक में इन सभी मुद्दों पर विचार किया जायेगा। लोगो का मानना है कि जब सरकार और सरकार के आला कमान इस गांव के साथ पगलापुर फ़िल्म के जैसा व्यवहार कर रहे है। इसलिए आज शाम निर्णय लिया जायेगा की पुल और विद्यालय नही तो वोट नही।