डॉ.कलाम की जयंती पर पिता-पुत्री को किया गया सम्मानित

भारत मां के सच्चे सपूत थे डॉ. कलाम : नरेन्द्र नारायण यादव

मधेपुरा।

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत माता के सच्चे सपूत थे।उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारत राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया। हमें उनके विचारों एवं कार्यों से प्रेरणा ग्रहण करते हुए देश-समाज के लिए कार्य करने की जरूरत है।

यह बात बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव ने कही।

वे मंगलवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की 94वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन टी. एन. बी. ट्रस्ट, मधेपुरा के तत्वावधान में किया गया।

उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम का जीवन इस बात का प्रमाण है कि साधारण घरों में पैदा होने वाले लोग भी अपने परिश्रम के बल पर बड़े-से-बड़े पदों पर पहुंच सकते हैं। इसलिए हमें कभी भी जीवन में निराश नहीं होना चाहिए और निरंतर ईमानदारी पूर्वक परिश्रम करते रहना चाहिए।

डॉ.कलाम के मन मे शिक्षक के प्रति असीम आदर रखते थे : डॉ. मधेपुरी
मुख्य आयोजक सह मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए समाजसेवी-साहित्यकार डॉ. भूपेंद्र नारायण मधेपुरी ने विस्तार से डॉ. कलाम के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कलाम ने रामेश्वरम् के एक साधारण परिवार से राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा की। उनकी यह यात्रा शून्य से शिखर की यात्रा है। इस यात्रा में हर कदम पर मानवता एवं संवेदनशीलता मौजूद है।

उन्होंने कहा कि डॉ.कलाम के मन मे शिक्षक के प्रति असीम आदर और सम्मान था। वे शिक्षक के पद को विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री यहां तक कि प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति से भी बड़ा मानते थे। यही कारण है कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी डॉ۔ कलाम एक शिक्षक के रूप में कार्य करते रहे और उन्होंने लोगों के बीच व्याख्यान देते हुए ही आखिरी सांस भी लीं।

उन्होंने कहा कि कलाम अत्यंत ही संवेदनशील व्यक्ति थे। वे न केवल सभी व्यक्तियों, वरन् पेड़-पौधों तथा संपूर्ण प्रकृति के प्रति प्रेम रखते थे। उन्होंने अपनि संपूर्ण जीवन दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने हेतु समर्पित कर दिया।

उन्होंने बताया कि उनको कई बार डॉ. कलाम से मिलने और उनके जीवन पर आधारित पुस्तक ‘छोटा लक्ष्य एक अपराध है’ लिखने का सौभाग्य मिला। इस पुस्तक को डॉ. कलाम के निधनोपरांत झारखंड सरकार ने छठे वर्ग के पाठ्यक्रम में शामिल किया है।

डॉ. कलाम के सपनों को साकार करें : प्रधानाचार्य
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि आज कलाम सशरीर हमारे बीच भले ही नहीं है, लेकिन उनके विचार एवं कार्य हमेशा हमारे बीच मौजूद रहेंगे। हम युवाओं के बीच उनके विचारों का प्रचार-प्रसार करें और उनके सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ें, यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

भारत मां के सच्चे सपूत थे डॉ. कलाम
कार्यक्रम का संचालन करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि डॉ. कलाम भारत मां के सच्चे सपूत थे। हमें उनके जीवन से हमें सादगी एवं देशभक्ति की सीख मिलती है। इस अवसर पर विजेन्द्र नारायण यादव, मो. शौकत अली एवं सुरेश भूषण ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सबों ने कलाम को श्रद्धांजलि दी और उनकी जयंती पर सम्मान समारोह के आयोजन को सराहा।

इसके पूर्व दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अतिथियों ने डॉ. कलाम के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। अतिथियों को अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया गया।

पिता-पुत्री को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के अंत में ‘जो करेंगे मधेपुरा को गौरवान्वित डॉ. मधेपुरी करेंगे, उनको सम्मानित’ योजना के अंतर्गत पिता-पुत्री को सम्मानित होने का अपूर्व सौभाग्य प्राप्त हुआ। इनमें बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव तथा उनकी सुपुत्री बिहार सरकार में लेबर एनफोर्समेंट ऑफिसर मौसम नारायण के नाम शामिल हैं। मधेपुरा के अजातशत्रु कहलाने वाले श्री यादव ने अपने आलमनगर विधानसभा में लगातार नौ बार जीत दर्ज की। आलमनगर की बेटी मौसम ने बीपीएससी में सफलता प्राप्त कर सबों को गौरवान्वित किया। दोनों की सफलता में योगदान देने वाली नरेंद्र नारायण यादव की धर्मपत्नी एवं मौसम की मां बेबी रानी को सबों ने सराहा।

इस अवसर पर डॉ. चंदा कुमारी, नरेश पासवान, कमल दास, ललन राम, रतन सिंह, चंदेश्वरी राम, महेंद्र पटेल, सीताराम पंडित, शिवजी शाह, लाल बहादुर, सुजीत मेहता, सुधांशु रंजन, डॉ. माधव कुमार, राहुल पासवान, प्रिंस कुमार आदि उपस्थित थे।