भीख नहीं, हक लेंगे, मुआवजा नहीं तो जान देंगे राजद नेता: श्याम सुंदर

समाज जागरण गौतम कुमार अनुमंडल संवाददाता दाउदनगर

औरंगाबाद (बिहार)17 मार्च 2023 : – गोह प्रखंड के हमीदनगर पुनपुन बराज किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष सह जिला परिषद क्षेत्र संख्या- 6 के जिप प्रतिनिधि श्याम सुंदर ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भीख नहीं, हक लेंगे। मुआवजा नहीं तो जान देंगे के नारों के साथ किसानों का जत्था 18 मार्च को हमीदनगर बराज से पैदल राजभवन के लिये कूच करेंगे। 22 मार्च को 13 सूत्री मांगों के साथ 11 सदस्यीय किसान प्रतिनिधि मंडल महामहिम राज्यपाल से मिलेंगे। इसमें अरवल विधायक कामरेड महानंद सिंह, जिला परिषद् अध्यक्ष श्रीमति प्रमिला देवी, क्षेत्र संख्या-06 की जिला परिषद् सदस्य श्रीमति शोभा कुमारी, प्रखंड प्रमुख खुशबू कुमारी, कुर्था के प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष डा. विनय यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष मुखिया संघ, जहानाबाद हरिलाल यादव, भाजपा नेता सत्येंद्र शर्मा, भाकपा नेता मधेश्वर यादव, भाकपा (माले) प्रखंड सचिव देवरूल पासवान, लोजपा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष बैजनाथ सिंह शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की टालमटोल नीति से मगध की धरती सुखाड़ की चपेट में है। और आखिर क्या कारण है कि पांच वर्षों में पूरा होने वाला हमीदनगर पुनपुन बराज परियोजना अभी तक अधर में लटका हुआ है। 54 वर्ष पहले बिहार लेनिन जगदेव बाबू ने पुनपुन बराज परियोजना लागू की मांग करते हुए कुर्था के प्रखंड परिषद् में सत्ता संरक्षित सियासी अपराधियों की गोलियों के शिकार हुए थे।
महागठबंधन सरकार बनने के बाद किसानों को उम्मीद जगी है। क्योंकि मुख्यमंत्री रहते लालू यादव ने वर्ष 1995 में इसकी नींव रखी थी। तब सरकार की अधिग्रहण नीति पांच वर्षों के लिये हुआ करती थी। 27 वर्ष हो गये। इसलिये किसान सरकार द्वारा घोषित आज के बाजारभाव से चौगुणा मुआवजा की मांग कर रहे हैं। संयोग से इस वक्त गोह के साथ ही जिन इलाकों से नहरें गुजरनी हैं, उन सभी क्षेत्रों का नेतृत्व महागठबंधन में शामिल विभिन्न दलों के विधायक कर रहे हैं। किसानों की मांगों से माननीय विधायक को भी अवगत करा दिया गया है। तीन दौर की वार्ता के बाद जब सरकार किसानों की मांगें अनसूना कर पुलिस को आगे करने लगी तब किसान सड़क पर उतर रहे हैं। 8 फरवरी को हमीदनगर में और 21 फरवरी को गोह में किसान पंचायत आयोजित हो चुका है। राजभवन मार्च के बाद भी सरकार सोई रही तो हर प्रखंड मुख्यालय में किसान महापंचायत आयोजित होगी। हक के लिये लड़ाई आर-पार होगी। हर साल प्रकृति की मार झेल रहे किसानोंं को झूठा मुकदमा डरा नहीं सकता। हम लड़ेंगे भी और जितेंगे भी। डूब और तटबंध क्षेत्र के नाम पर भरमाये रखना, किसानोंं के साथ छलावा है। जलग्रहण क्षेत्र की सही तस्वीर किसानों के बीच रखनी होगी। बकाश्त जमीनों का रैयतीकरण, विस्थापितों पर चुप्पी, पेड़-बगात के औने-पौने दाम किसानों के साथ धोखा नहीं तो क्या है? क्या सरकार कोशी बराज परियोजना की तरह पुनपुन बराज परियोजना को भी दूधारू गाय समझ रखी है? परियोजना पूरा करने के लिये निविदा आज के बाजारभाव से निकलेगा और जमीनों का अधिग्रहण पुरानी दरों पर होगा, यह समझ से परे है। क्या हर एक बीमारी का इलाज हाईकोर्ट ही रह गया है?
श्याम सुंदर ने विरासत बचाओ नमन यात्रा में शामिल नेताओं से सवाल किया कि क्या हमीदनगर पुनपुन बराज परियोजना पर चुप्पी साधकर मगध की विरासत बचाई जा सकती है? सुखाड़ से कंगाल हो रहे मगध की असली विरासत खेतों की हरियाली है। इसपर चुप्पी क्यों? नमन यात्रियों से मेरा सवाल होगा कि देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय कबतक? गोह पोखरा पिंड कब्जाने वाला व्यक्ति भी अगर विरासत बचाओ नमन यात्री है तो यह किस्सा कुर्सी का है, विरासत बचाने का नहीं।
पांच दिवसीय पैदल मार्च का पहला पड़ाव किसान नेता पंडित यदुनंदन शर्मा के गांव कुर्था के मझियावां में होगा। 19 मार्च को कुर्था प्रखंड परिसर में आमसभा होगी। रात्रि विश्राम शकुराबाद में होगा। 20 मार्च को जहानाबाद में नुक्कड़ सभा और रात्रि विश्राम नदौल में। 21 मार्च को परसा बाजार स्थित पुनपुन घाट जबकि 22 मार्च को राजभवन के लिये प्रस्थान करेंगें।