नोएडा प्राधिकरण के बदले बदले मिजाज: क्या फरियादियों के लिए दरवाजा बंद है ?

नोएडा समाज जागरण डेस्क

नोएडा ऐसे तो स्मार्ट सिटी मे बेशुमार है वही नोएडा प्राधिकरण भ्रष्टाचार के लिए ख्याति प्राप्त है। लोगोंं को उम्मीद था कि नोएडा प्राधिकरण मे निजाम बदलने के बाद रुतबा भी बदल जायेगा। लेकिन क्या पता था कि नोएडा प्राधिकरण के निजाम बदलते ही लोगों के फरियाद भी नही सुने जायेंगे।

नोएडा सेक्टर 60 मे चाय की दुकान लगाकर अपने परिवार की भरण पोषण करने वाली एक महिला ने जो प्राधिकरण पर आरोप लगायी है वह नोएडा प्राधिकरण के कार्यशैली के ऊपर सवालिया निशान लगा दिया है। महिला संतोष जो कि एक विधवा है, ने नोएडा प्राधिकरण के विधि सलाहकार को लिखे पत्र मे प्राधिकरण के द्वारा उनके फरियाद नही सुनने की आरोप लगायी है। इस बता की भी जिक्र है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जब महिलाओं को प्राथमिकता दे रहे है तो हमारे साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है।

श्रीमान जी मै संतोष (विधवा) पत्नी स्व० श्री ओमपाल, वर्तमान निवासी ग्राम चौड़ा सादतपुर सेक्टर 22 मे रहती हू और नोएडा सेक्टर 60 अकतारा के सामने अपनी चाय की रेहड़ी वर्क सर्किल 5 में लगाती हूँ। वर्ष 2018 में नोएडा प्राधिकरण में वेंडिंग ज़ोन मे दुकान हेतु आवेदन किया जिसका कंट्रोल संख्या 2086 है। मेरे द्वारा पूर्व में कई बार सीईओ महोदया के समक्ष अपनी समस्या रखी गई तथा कई प्रार्थना पत्र प्राधिकरण कार्यालय व वर्क सर्किल कार्यालय में जमा कराए गए। जिसके बाद मेरे दुकान की सत्यापन 4 बार वर्क सर्किल द्वारा किया जा चुका है परंतु अभी तक मुझे व्यवस्थित नहीं किया गया है। वर्क सर्किल सुपरवाइजर व अन्य कर्मचारी पैसों की मांग करते है । कहा जाता है पैसे दोगी तभी दुकान लगाने देंगे । जिसकी शिकायत सीईओ महोदय लोकेश एम से की गई परंतु मेरा प्रार्थना पत्र ही स्वीकार नहीं किया गया।

यह कहना है नोएडा के एक महिला वेडर की जो एक विधवा है और परिवार के भरण पोषण हेतू चाय की रेहड़ी लगाती है। प्राधिकरण के कर्मचारी के मनमानी तो छोड़िये अब प्राधिकरण मे शिकायत पत्र भी स्वीकार्य नही है। इसिलिए तो कहते है कि नये निजाम भी प्राधिकरण के मिजाज को बदलने मे पूरी तरह से असफल रहे है या लोगों को यह भी कहना है कि बदलना ही नही चाहते है। खैर विधि सलाहकार साहब इस महिला वेंडर के शिकायत पर संज्ञान लेकर महिला को कानूनी सलाह देकर न्याय दिलाते है या नही यह तो आने वाले समय मे ही पता चलेगा। लेकिन नोएडा प्राधिकरण के द्वारा फऱियादियों के लिए दरवाजा बंद करना भ्रष्टाचार को और बढाना ही होगा।