*जदयू ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा को किया बेनकाब*



*मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ों को आरक्षण देकर शीर्ष पदों पर बैठाने का किया काम*

*रीता कुमारी, ब्यूरो चीफ, दैनिक समाज जागरण*

*नवादा(बिहार)।* प्रदेश जदयू के आह्वन पर गुरूवार को जिला जदयू के बैनर तले भाजपा के आरक्षण विरोधी चेहरे को बेनकाब किया गया। इसके तहत नवादा समाहरणालय के समीप जदयू के जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधान पार्षद सलमान रागीव की अध्यक्षता में एक दिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन कर भाजपा का पोल खोलने का काम किया गया।
जदयू जिलाध्यक्ष ने कहा कि जब से नीतीश कुमार की सरकार बिहार में बनी है, तब से पिछड़े और अति पिछड़े समुदाय के लिए कई कल्याणकारी योजना चला रखी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हासिये पर रहे अतिपिछड़ें समुदाय को पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में आरक्षण देकर मुखिया, नगर पार्षद, प्रमुख, उप प्रमुख, नगर पंचायत, नगर परिषद तथा नगर निगम में चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज कराने में अहम भूमिका निभायी है।
सलमान रागीव ने कहा कि भाजपा शुरू से ही गरीब विरोधी रही है। वर्ष 1978 में जननायक कर्पूरी ठाकुर की सरकार पिछड़ा अति पिछड़ा का वर्गीकरण करते हुए नौकरियों में आरक्षण देने का काम किया था। उस समय सरकार में जनसंघ साथ था, जो आज भाजपा बनी हुई है। पिछड़ों और अतिपिछड़ों के आरक्षण के सवाल पर विरोध कर दिया और सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसका नतीजा हुआ कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने बहुमत खो दिया।
सन् 1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में केन्द्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी तो बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से निवेदन किया कि पिछड़े वर्गों का मंडल कमीशन के तहत नौकरियों में आरक्षण आपका बाट जोह रहा है। यह एक ऐतिहासिक आरक्षण है। इसे आप देने का काम करेंगे तो देश में आपका नाम सदा के लिए अमर हो जायेगा।
तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह मुख्यमंत्री के विचारों से ओतप्रोत होकर केन्द्रीय नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया। उस समय केन्द्र की सरकार में भाजपा गठबंधन का हिस्सा थी, पिछड़ों के आरक्षण के सवाल पर तत्कालीन वीपी सिंह की सरकार से भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया और सरकार चली गयी।
बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जब बिहार के गरीब गुरुबों ने भरोसा किया और काम करने का मौका दिया तो सामाजिक न्याय को व्यावहारिक रूप से धरातल पर उतारने के लिए अति पिछड़े वर्गों को राजनीतिक ताकत देते हुए पंचायत निकाय 2006 एवं नगर निकाय 2007 में कानून बनाकर उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आलोक में आरक्षण देने का काम किया और उसी आरक्षण के तहत पंचायत निकाय का चार बार चुनाव सम्पन्न कराया जा चुका है। नगर नगर निकाय आरक्षण कानून के तहत अति पिछड़ों को आरक्षण दिया गया था। उन्होने कहा कि जब भाजपा साथ में थी तो अति पिछड़ों का आरक्षण सही था, लेकिन जैसे ही सरकार से बाहर हुई तो अति पिछड़ों का आरक्षण में खोट नजर आने लगा।
उन्होने कहा कि भाजपा पिछड़े, अतिपिछड़े, दलित, महादलित, अल्पसंख्यक तथा महिला विरोधी रहीे है। भाजपा के दबाव में आकर उच्च न्यायालय ने अति पिछड़ों के आरक्षण को रोकने का काम किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा किसी न किसी बहाने से अति पिछड़ा वर्ग को नगर निकाय चुनाव से वंचित करना चाहती है। अति पिछड़ों के मसीहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फैसला लिया है कि अति पिछड़ों के आरक्षण के बिना हमारी सरकार नगर निकाय चुनाव नहीं करायेगी।
उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में ले जाऊंगा और आग्रह करूंगा कि आपके निर्देशों अनुकूल मेरे द्वारा आरक्षण दिया गया है, जो 50 प्रतिशत से कम है और जो भी अतिपिछड़ी जातियां चिन्हित की गयी हैं सभी की सभी हकदार हैं।
पूर्व विधायक प्रदीप महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ऊर्जा के क्षेत्र में काफी काम हुआ है, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। युवा वर्गों को शिक्षा से लेकर रोजगार देने के मामले में मुख्यमंत्री पूरे मन से लगे हुए हैं। 17 वर्षों में करीब 12 लाख नौकरियां युवा वर्गों को दिये हैं, कृषि के क्षेत्र में बिहार काफी मजबूत हुआ है। मौके पर प्रदेश जदयू महिला प्रकोष्ठ की महासचिव सह गोविन्दपुर पंचायत की पूर्व मुखिया अफरोजा खातुन, विनय यादव, शिवशंकर चन्द्रवंशी, इजहार रव्वानी, अनवर भट्ट, मो चांद, नारायण स्वामी मोहन, संजय यादव, गोरे लाल यादव, रंजीत कुमार उर्फ चुन्नू बाबू, सरोज राजवंशी, कान्ति देवी, दीपु महतो, संजय गुप्ता, मोहम्मद कासिम, मिश्री दास, रामध्यान प्रसाद, जीतेन्द्र गुप्ता, संजीव कुमार चौधरी, डॉ सुनीता यादव, अवधेश यादव, हरिीवशचंवन्द्र राजवंशी, रामाश्रय सिंह, उमेश यादव, मनोज कुमार वर्मा, शैलेन्द्र कुशवाहा, अरविन्द कुशवाहा, सतीश कुमार, रामप्रवेश राय, सुनील सिंह, सुनील कुशवाहा तथा रंजीत पटेल सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।