नोएडा प्राधिकरण: निरीक्षण से पहले की तैयारी, कई मार्केटो में छाया सन्नाटा

दैनिक समाज जागरण नोएडा डेस्क

नोएडा: 29 मार्च दिन भर सड़क गली मोहल्ले में गहमागहमी का माहौल रहा। पूरे प्राधिकरण के सर्किल आफिसर, सुपरवाइजर, जेई, भी लगभग सड़को पर एक्शन करते दिखे। इसी बीच टवीटर पर किसी ने कमेंट किया “आज तो तारे जमीन पर है, और जमीन आसमान बन गया है।” निरीक्षण करने से पहले दौड़ते भागते दिखे ठेली पटरी व्यवसायी और प्राधिकरणकर्मी।

गलियों में ठेली पटरी वाले इधर से उधर करते नजर आए। कई बाजार जो कि अतिक्रमण करके या फिर प्राधिकरण के सर्किल आफिसर, तथा जेई वगेरह के विशेष मेहरबानी से लगते है कल साफ दिखा। जिसमें से नोएडा सेक्टर 110 मार्किट मे विशेष तौर पर सन्नाटा छाया था, वही सोमबाजार में कोई फर्क नही पड़ा। हमेशा की तरफ अवैध अतिक्रमणकारी डटे रहे।

इसी बीच सूत्रोंं से पता चला कि आज नोएडा प्राधिकरण के सीओ मैडम का दौरा है, इसलिए यह सब किया जा रहा है। अवैध के साथ ही वैध ठेली वालों को भी हटाया जा रहा है। वैध ठेली वाले जिनकों लाइसेंस दिया हुआ है और निर्धारित किराया प्राधिकरण के खाते में डालते है अवैध जो कि अपना किराया प्राधिकरण के कर्मचारियों के जेब में डालते है।

फिर जानने पर .पता चला कि नोएडा में अभी तक सिर्फ 4300 के आस पास वेंडरों को ही लाइसेंस दिया गया जबकि लगभग 20 हजार से ज्यादा वेंडर नोएडा में कार्यरत है। जिनके लिए प्राधिकरण नें 98 वेंडिंग जोन बनाए है जिनको भी ठीक से व्यवस्थित नही किया है। वहाँ पर किसी भी प्रकार के सुविधा नही है। इसके अलावा उन वेंडिंग जोन में भी प्राधिकरण के फोर्थ क्लास के कर्मचारी ऊपर बैठे रसूख से सांठगांठ करके अवैध वेंडर को बिठा दिया है जिसका ठेली पटरी से कोई लेना देना नही है।

हालांकि उत्तर प्रदेश रेहड़ी पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री श्याम किशोर गुप्ता ने अपने टवीट मे विडियों शेयर किया है और लिखा है कि इन दुकानों से किसी को कोई परेशानी नही है लेकिन सीओ मैडम की दौरा है इसलिए इनको हटाया गया है। जिसका की विडियों भी उन्होने शेयर किया है। इसके पीछे का स्पष्ट कारण अभी पता नही चला है कि आखिर ऐसा क्यो किया जाता है।

इस पर मेरा तो बस इतना सवाल था कि आखिर मैडम जी का दौरा है तो ठेली पटरी वालों को भागने की क्या जरूरत है ? आखिर सच को छुपाने के लिए इतने मेहनत की क्या जरूरत पड़ गई ? दूसरा अहम सवाल की कोई भी निरीक्षण से पहले क्या प्राधिकरण के सुपरवाइजरों को बता दिया जाता है कि जाकर अतिक्रमण हटवा लो ताकि मौके पर पहुँचकर सब ठीक दिखा दिया जाय। उसके बाद फिर दुकान जहाँ है वही लगवा देना जिससे पैसे लिए गए है। आखिर हर सर्किल में आफिसर है तो अतिक्रमण हो कैसे जाते है ? क्या भविष्य में भी जिम्मेदार आफिसर और सुपरवाइजर यथा स्थिति बनाकर रखेंगे या सिर्फ एक दिन का ड्राइव था फिर पहले जैसा ही होगा।