विश्व जल संरक्षण दिवस विशेष, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा रहे ग्रामीण युवा

समाज जागरण
वाराणसी साइकिल की घण्टी बजी ट्रिन…ट्रिन…ट्रिन…।सुनो भइया,सुनो रे बहना,।बात पते की बतलाता हूँ,,।हरा पेड़ मत काटो।वे दुश्मन नहीं,हैं हमारे भइया और बहना।काटोगे तो पछताओगे।संकट में जीवन देख कल आंशू बहाओगे।आओ संकल्प ले पेड़ पौधों का जीवन भर साथ निभाएंगे।होलिका की रस्म करेंगे अदा,,,,गोबर की उपली से होलिका जलाएंगे सदा,,,।

जनाब! यह किसी गीत के बोल ही नहीं बल्कि पर्यावरण रक्षा की अलख जगाने में जुटे जोरदार किरदार खेवली गाँव के मनीष पटेल के दिल की आवाज है।
खेती किसानी से समय निकाल कर गाँव व शहर के प्रमुख बाजारों में पहुँच जाते हैं।साईकिल में लगी घंटी की आवाज ट्रीन.. ट्रीन सुनकर हर कोई बोल उठता है-ये देखों मनीष जी आ गए।
खेवली गाँव की बने नयी पहचान: जन कवि सुदामा पांडेय ‘धूमिल’ के गाँव खेवली के पर्यावरण व जल संरक्षण प्रेमी मनीष पटेल ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया है।गर्मी में जल संरक्षण को लेकर जागरुकता का मुहिम चलाते है।होली से पूर्व हरियाली पर प्रहार रोकने में जुट जाते हैं। जहा होलिका जलती है वहां युवाओं से संपर्क करते हैं।हरे पेड़ की महत्ता बताते हैं।होलिका में हरे पेड़ न जलाने के लिए युवाओं,बच्चों से अनुरोध भी करते है।
मुहिम से जुडे़ गाँव के बच्चे,युवा,बुजूर्ग,,इस कार्य में जन कवि धूमिल स्मारक पुस्तकालय के बच्चों व गाँव के लोगों को भी जोड़ लिया है।
रंजित तिवारी भी जगा रहे है अलख
पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण की अलख बरेमा गांव के रंजीत तिवारी भी जगा रहा है,वह गांव गांव जा कर लोगो को जल संरक्षण और पौध रोपण के लिए प्रेरित कर रहे है।रामेश्वर के विशाल कुमार गुप्ता ने बताया वरुणा नदी के आस पास पौध रोपण और साफ सफाई का कार्य करने में मन को काफी सुकून मिलता है।
वरिष्ठ समाज सेवी से मिलता है प्रेरणा
मनीष पटेल,रंजित तिवारी और प्रीतेश त्रिपाठी ने बताया नेहरू युवा मंडल के राज्य प्रशिक्षक के एल पथिक द्वारा समय समय पर मार्ग दर्शन मिलता रहता है जिससे हम लोगो को आगे बढ़ने में काफी सहयोग मिलता है।